जांच एजेंसियों का हो रहा दुरुपयोग, सीबीआई को लेकर कोर्ट की टिप्पणी स्वागतयोग्य : सुप्रिया श्रीनेत
Investigative agencies are being misused, court's comment on CBI is welcome: Supriya Srinet
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत प्रदान करने के आलोक में कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सरकार पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए हमला बोला है।दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब नीति घोटाले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने पर सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि कोर्ट के आदेश के लिए हम उसका धन्यवाद करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को लेकर जो टिप्पणी की है, उसका भी मैं स्वागत करती हूं। कोर्ट को उन तमाम मामलों में भी हस्तक्षेप करना चाहिए, जो बिना ट्रायल के इसलिए जेल में हैं, क्योंकि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को उनकी शक्ल पसंद नहीं है। दरअसल सीएम केजरीवाल को जमानत देते हुए जस्टिस भुइयां ने कहा कि, “सीबीआई को पिंजरे में बंद तोते की छवि से बाहर आना होगा और दिखाना होगा कि अब वह पिंजरे में बंद तोता नहीं रहा। सीबीआई को निष्पक्ष रूप से देखा जाना चाहिए और हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए कि गिरफ्तारी मनमानी तरीके से न हो। देश में धारणा मायने रखती है और सीबीआई को पिंजरे में बंद तोते की धारणा को दूर करना चाहिए और दिखाना चाहिए कि वह पिंजरे से बाहर निकला तोता है।”,वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर आरोप लगाते हुए सुप्रिया श्रीनेत कहा कि, तमिलनाडु में एक व्यापारी ने कोयंबटूर में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने जीएसटी को लेकर कुछ शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद उसके वीडियो को रिकॉर्ड किया गया, उससे जबरन माफी मंगाई गई। उस वीडियो को भाजपा ने अधिकृत हैंडल से शेयर किया, क्या यह दुरुपयोग नहीं है, क्या यह लोगों को डराना धमकाना नहीं है। सरकार सीबीआई, ईडी से लेकर इनकम टैक्स का दुरुपयोग कर रही है। लोगों को डरा, धमका रही है।दरअसल दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल को शराब नीति घोटाले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भुइंया की पीठ ने उन्हें जमानत दे दी।हालांकि, कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को 10-10 लाख रुपये के मुचलके के साथ-साथ उन पर कुछ शर्तें भी लगाई हैं। अपने फैसले में शीर्ष अदालत ने कहा कि “शर्तें ट्रायल कोर्ट द्वारा तय की जाएंगी”।जस्टिस उज्जवल भुइयां ने सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के समय पर गंभीर सवाल उठाते हुए केंद्रीय एजेंसी द्वारा “देर से की गई गिरफ्तारी” को अनुचित ठहराया।