मऊ के तराईडीह गांव निवासी महिला जज के आत्महत्या की खबर से गांव मर्माहत
घोसी क्षेत्र के तराईडीह निवासी जूनियर सब डिवीजन जज बदायू
रिपोर्ट:अशोक श्रीवास्तव
घोसी/मऊ:जिले के तरैयाडीह गांव में शनिवार को गम का माहौल रहा, कारण गांव की होनहार बेटी ज्योत्सना राय का असमय जाना। मृतका बंदायु में तैनात सिविल जज जूनियर डिवीजन के पद पर थी। घटना के समय मृतका के परिजन गांव में नहीं थे, लेकिन अपने गांव की बेटी का असमय जाने की सूचना से गांव का हर व्यक्ती आहत दिखा। उधर सिविल जज के आत्महत्या की सूचना मिलने पर वाराणसी में तैनात इंजीनियर भाई और लखनऊ में रह रहे पिता बंदायु के लिए निकल गए।
दोहरीघाट ब्लाक के तराईडीह गांव निवासी अशोक कुमार राय की पुत्री ज्योत्सना राय वर्तमान में बदायूं जिले में सिविल जज जूनियर डिवीजन के पद पर तैनात थी। शनिवार को उनके सरकारी आवास में उनका शव फंदे पर लटकते मिलने की सूचना पर वाराणसी के डीएलडब्लू में तैनात इंजीनियर भाई शशांक शेखर राय बंदायु के लिए निकल गए। वहीं इस घटना की जानकारी मिलने पर अमर उजाला की टीम तराईडीह गांव पहुंची। जहां मृतका के पिता के चचेरे भाई विपिन उर्फ पिंकू राय, ने बताया कि उनकी भतीजी बेहद गंभीर और सुलझी हुई युवती थी। जज बनने के बाद बीते साल ही वह गांव में पूजा करने के लिए अपने पूरे परिवार के साथ आई थी। बताया कि उसके भाई अशोक कुमार राय अभियोजन विभाग में पीओ पद से सेवानिवृत्त होने के बाद भाभी पूनम राय के साथ रहते हैं। जबकि भतीजा शशांक शेखर डीएलडब्लू में इंजीनियर है, वह अपनी पत्नी के साथ वहीं रहता है। बताया कि ज्योत्सना के जज बनने से पूरे गांव में हर्ष का माहौल था, आज उसके असमय चला जाने से हर कोई सकते में है। वहीं ज्योत्सना के पैतृक घर की रखवाली करने वाले रामाशीष यादव के साथ पड़ोसी उदयभान राय, परमहंस आदि ने बताया कि 5वर्ष पूर्व वह पीसीएस जे पास कर मुंसफ मजिस्ट्रेट बनी थी, बीते साल बेटी रानी जज बनने के बाद गांव आई थी, पूरे गांव में उनके आने की सूचना पर सभी खुश थे। बताया कि उनकी यीटिया रानी बेहद कोमल स्वभाव की थी, भावुक होते हुए बताया कि भले ही ज्योत्सना जज बन गई थी, लेकिन उनके स्वभाव में कोई बदलाव नहीं आया था, जैसे वह पहले थी, वैसे ही अब भी थी।घर पर कोई नहीं, फिर भी सूचना मिलने पर उमड़ती रही भीड़ घोसी। घटना के समय भले ही मृतका का परिवार अपने पैतृक गांव में नहीं था, लेकिन ज्योत्सना राय की मौत की सूचना मिलने पर गांव के अलावा आस पास के लोग और रिश्तेदार उनके घर पहुंचते दिखाई दिए। वहां मौजूद हर शख्स के जुबान पर था, अचानक क्या हुआ, जो इतनी होनहार बेटी ने इतना बड़ा कदम उठाया।बताते चले कि मृतका ज्योत्सना राय के पिता अशोक राय पांच भाई है। चाचा सतीश अभियोजन अधिकारी है।जबकि बड़े पापा सुरेश भी शासकीय अधिकारी पद से सेवानिवृत्त है, जबकि डॉ. रामाशीष राय लखनऊ मे डाक्टर है।