बुरहानपुर मज़दूर यूनियन ने उठाई सूत मिल पीड़ितों की आवाज मुख्यमंत्री तक लगाई गुहार

बुरहानपुर । बहादरपुर सूत मिल के श्रमिक विगत 25 वर्षों से अपने अधिकारो की लड़ाई लड़ रहे हैं परंतु आज दिनांक तक सूत मिल श्रमिकों को उनकी बकाया राशि सरकार से नहीं मिल पाई है। शनिवार को बुरहानपुर मजदूर यूनियन के बैनर तले सूत मिल के सैकड़ो श्रमिकों ने स्थानीय तहसील कार्यालय में प्रदर्शन करते हुए अपनी न्यायसंगत मांगों को रखा इससे पूर्व भी सभी श्रमिकों ने कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन देकर सरकार से बकाया राशि भुगतान संबंधित मांगो को प्रेषित किया।मजदूर यूनियन अध्यक्ष ठा प्रियांक सिंह ने बताया हुकुमचंद मिल इंदौर के मजदूरों को 30 वर्षों का बकाया भुगतान जो लगभग 464 करोड़ के आसपास होता है का आदेश सरकार द्वारा जारी कर दिया गया है। बुरहानपुर के बहादरपुर ग्राम में किसी समय में स्थित सूत मिल जो कागजों पर अभी भी स्थित है परंतु वर्तमान में वहां केवल समतल मैदान शेष रह गया है मिल नाम पर एक ईंट भी नहीं बची है। इसके साथ-साथ वहां की भूमि पर अवैध खनन एवं अवैध कब्जा भी हो चुका है।ठाकुर प्रियांक सिंह ने आगे बताते हुए कहा कि बहादरपुर सूत मिल वर्ष 1999 मैं बंद हो गई थी श्रमिकों से पीएफ की राशि भी उस समय काटी गई थी परंतु उन्हें सरकार द्वारा कुछ भी नहीं दिया गया। भुगतान अधिनियम 1972 के अंतर्गत ग्रेच्युटी की राशि का भुगतान भी किसी श्रमिक को प्राप्त नहीं हुआ। उस समय तत्कालीन सरकार द्वारा नियंत्रण प्राधिकारी सूत मिल निमित्त मामलों को देखने के लिए नियुक्त किए गए थे उनके द्वारा ग्रेच्युटी भुगतान के आदेश भी पारित किए गए थे परंतु किसी भी श्रमिक को इसका लाभ नहीं मिल पाया।समस्त श्रमिकों ने नवीन सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से सामूहिक मांग करते हुए अपने अधिकार की राशि, पेंशन, ग्रेच्युटी, इत्यादि का तत्काल भुगतान करने का आग्रह किया। इस अवसर पर अर्जुन मांगीलाल, आंनदा उमाले, सुरेश बोदडे, अर्जुन शोभाराम चौहान, तुकाराम गवई, प्रमिला माने , जेवंता बाई, देवराम भालेराव, सोभा बाई, बाबू सिंह, अशोक गोपाल जोशी, आदि श्रमिक उपस्थित रहे।

बुरहानपुर से रूपेश वर्मा की रिपोर्ट

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button