भिवंडी मनपा व्दारा मियावाकी घनवन जंगल परियोजना के तहत वृक्षारोपण कार्यक्रम संपन्न

Tree plantation program completed under Miyawaki dense forest project by Bhiwandi Municipal Corporation

हिंद एकता टाइम्स भिवंडी

रवि तिवारी

भिवंडी – भिवंडी में पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए महानगरपालिका प्रशासन पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इसी प्रयास के तहत आकिरा मियावाकी घनवन जंगल परियोजना चलाई जा रही है। यह शहर में विकसित किया जाने वाला चौथा मियावाकी जंगल होगा। जिसमें तीन हजार पेड़ लगाए जाएंगे। इस परियोजना से न केवल नागरिकों को स्वच्छ हवा में अधिक ऑक्सीजन उपलब्ध होगा, बल्कि पक्षियों, मधुमक्खियों और तितलियों को भी एक सुरक्षित प्राकृतिक आवास मिलेगा। यह जानकारी भिवंडी महानगरपालिका आयुक्त अजय वैद्य ने दी।
भिवंडी मनपा व फेणेपाड़ा में कैच फाउंडेशन के सहयोग से बनाए जा रहे इस घनवन जंगल परियोजना के वृक्षारोपण कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए मनपा आयुक्त वन की विशेषता रखी। इस अवसर पर कैच फाउंडेशन के भरत सिसोदिया, अतिरिक्त आयुक्त विठ्ठल डाके, उपायुक्त शैलेश दोंदे, रोहिदास दोरकुलकर, प्रा. डॉ. दिलीप काकविपुरे, उद्यान अधीक्षक निलेश संखे, जनसंपर्क अधिकारी श्रीकांत परदेशी, कैच फाउंडेशन एवं हफेले इंडिया प्रा. लि. के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे। भिवंडी जैसे कंक्रीट के जंगल में हरियाली की तलाश करना मुश्किल हो गया है। इसी कारण, शहर में ऑक्सीजन की आवश्यकता को पूरा करने और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए मियावाकी जंगलों का विकास किया जा रहा है। जापानी मियावाकी तकनीक का उपयोग करके कम जगह में घने जंगल विकसित किए जा रहे हैं। भिवंडी महानगरपालिका क्षेत्र में हफेले इंडिया प्रा. लि. के सहयोग से कैच फाउंडेशन द्वारा फेणेपाड़ा में ३,००० पेड़ लगाए जाएंगे। इस उद्यान में ७० प्रकार की फलों, फूलों और वनस्पतियों की प्रजातियों के पेड़ शामिल होंगे।
इससे पहले, भिवंडी में इसी पद्धति से तीन स्थानों पर मियावाकी जंगल परियोजना को सफलतापूर्वक लागू किया गया है। यह चौथा मियावाकी जंगल होगा, जो न केवल पर्यावरण को संरक्षित करेगा, बल्कि नागरिकों को मनोरंजन और शुद्ध हवा का एक नया स्रोत भी प्रदान करेगा। खास बात यह है कि कैच फाउंडेशन इस घनवन परियोजना की देखभाल तीन वर्षों तक करेगा। महानगरपालिका ने शहर में २ लाख पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा है, जिसमें से अब तक ५०,००० पेड़ लगाए जा चुके हैं। इसके अलावा, भिवंडी में जल्द ही एक बांस वृक्षारोपण परियोजना भी शुरू की जाएगी, ऐसी जानकारी आयुक्त अजय वैद्य ने दी। कैच फाउंडेशन के माध्यम से देश के सात राज्यों के १८ शहरों में १०० से अधिक मियावाकी उद्यान विकसित किए जा चुके हैं। इन उद्यानों की वजह से पक्षियों, मधुमक्खियों और तितलियों की संख्या बढ़ रही है, जिससे जैव विविधता को बढ़ावा मिल रहा है। कैच फाउंडेशन के भरत सिसोदिया ने विश्वास व्यक्त किया कि इस तरह के जंगलों से बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों को एक बेहतरीन प्राकृतिक वातावरण मिलेगा। भिवंडी में मियावाकी जंगल परियोजना न केवल पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में मददगार होगी, बल्कि शहरवासियों के लिए एक हरित और शुद्ध हवा से भरपूर प्राकृतिक स्थल भी प्रदान करेगी। इस पहल से शहर को प्रदूषण मुक्त बनाने में भी मदद मिलेगी।

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