मजदूर पिता की स्मृति में 25000 रुपये की सहायता राशि दी दान,मजदूर दिवस पर विशेष

25000 donated in memory of labor father, special on Labor Day

मध्य प्रदेश बैतूल से शेख इकबाल की खास रिपोर्ट

 

बैतूल। जो स्वयं मजदूर के घर पर पल कर बड़ा हुआ हो और जिसने अपने पिता को मजदूरी करते देखा हो वही मजदूर के दर्द को समझ सकता है। एमपीपीएससी की तैयारी कर रहे अमरदीप अमरदीप के पिता स्व.विजय भालेकर मजदूर थे। उन्होने बुधवार को मजदूर दिवस के अवसर पर अपने मित्रों के साथ मिलकर अपने पिता की स्मृति मेंडिजिटल बोर्ड के लिए 25 हजार रूपए की राशि भेंट की। जिले में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की नि:शुल्क तैयारी कराने वाली ‘सार्थक पहल बदलाव हमसे है’ संस्थान को स्व.विजय भालेकर की स्मृति में 25000 रुपये की राशि चेक के माध्यम से प्रदान की। इस अवसर पर अमरदीप भालेकर ने बताया कि मेरे पापा मजदूर थे, और मैने अपने पिता से ही मैंने लोगों की मदद करना सीखा।

 

 

 

उनसे ही सीखा की स्वयं से गलती होने पर क्षमा मांगना और दूसरों से गलती होने पर माफ करना चाहिए ,वे हमेशा भलाई के कार्यों में आगे रहते थे। इसी कारण आज उनकी स्मृति में डिजिटल स्मार्ट बोर्ड के लिए सार्थक पहल संस्थान को 25 हजार रुपये की सहायता राशि भेंट की जिससे जरूरतमंद छात्र तक नि:शुल्क शिक्षा का प्रसार हो सके। इस सहयोग राशि मे श्रीमति फूलवती धुर्वे, इंदु खरखाटे, योगेश धुर्वे ने 5000-5000 हजार की राशि दी। जिसके लिए श्री भालेकर ने उनका आभार व्यक्त किया। इस अवसर फूलवती धुर्वे ने कहा कि सार्थक पहल के माध्यम से प्रो.एसके सातनकर विगत 4 सालों से एमपीपीएससी व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की नि:शुल्क तैयारी कराते है। हमे जैसे ही जानकारी लगी कि सार्थक पहल के छात्र-छात्राएं डिजिटल बोर्ड के लिए सहयोग राशि स्वेच्छा से जमा कर रहे इसलिए हमने स्व.विजय भालेकर की स्मृति में यह छोटी सी सहायता राशि प्रदान की।

 

 

 

श्रीमति इंदु खरखाटे और योगेश धुर्वे ने बताया कि अमरदीप का सपना है कि वह उसके पिता के नाम पर विजय फाउंडेशन की स्थापना कर समाज व लोगों की भलाई कर सके। उस सपने को साकार करने के लिए हमने उनके पिता प्रथम पुण्यतिथि पर यह छोटी से पहल की है। इस अवसर पर सार्थक पहल से श्रीमती सरोज सातनकर ने इस सहयोग राशि हेतु संस्थान की ओर से सभी का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर शशांक मालवीय, प्रिया ओमकार,विजिया धोटे, कविता वाडबुदे, अनिल, ललित तायवाड़े, मोहित खातरकर आदि छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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