काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी महोत्सव’’ का हुआ दिव्य व भव्य शुभारम्भ शहीद झूरी सिंह स्मारक स्थल पर शहीदों को नमन व पुष्पाजलि अर्पित कर शहीद परिजनों को किया गया सम्मानित

निरंकुश ब्रिटिश सत्ता को चेतावनी देने व धन एकत्र करने के निमित्त पहली बड़ी कार्यवाही थी काकोरी घटना-विधायक जाहिद बेग मेरा रंग दे बसंती चोला.....हो माहे रंग दे बसंती चोला-जिलाध्यक्ष दीपक मिश्रा

 

 

रिपोर्ट अशरफ संजरी

भदोहीl काकोरी टेªन एक्शन की 100वीं वर्षगाठ पर काकोरी टेªन एक्शन शताब्दी महोत्सव का शुभारम्भ जनपदीय कार्यक्रम शहीद झूरी सिंह स्मारक परउपुर में जिलाधिकारी विशाल सिंह के कुशल मार्गदर्शन व पर्यवेक्षण में एवं मुख्य विकास अधिकारी डॉ0 शिवाकांत द्विवेदी, मा0 विधायक भदोही जाहिद बेग, भाजपा जिलाध्यक्ष दीपक मिश्रा, ब्लाक प्रमुख अभोली प्रियंका बिन्द, ब्लाक प्रमुख ज्ञानपुर प्रतिनिधि अखिलेश्वर प्रताप सिंह, शहीदों के परिजनों की उपस्थिति में दिव्यता व भव्यता से हुआ। साथ ही लखनऊ में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मा0 मुख्यमंत्री जी के सम्बोधन एवं कार्यक्रम का सजीव प्रसारण भी किया गया।

पुलिस जवानों द्वारा राष्ट्र भक्ति में धून में बैण्ड वादन के साथ ही उपर्युक्त अतिथियों द्वारा शहीद झूरी सिंह की प्रतिमा में माल्यापर्ण एवं पुष्प अर्पित करते हुए तिरंगे रंग का गुब्बारा उड़ाकर आयोजन का शुभारम्भ किया गया। भारत स्काउट गाईड के बच्चों द्वारा राष्ट्रधुन का वादन किया गया। राज्यस्तरीय कार्यक्रम प्रसारण के द्वारा काकोरी टेªन एक्शन विषयक लघु फिल्म के प्रसारण के माध्यम से जनपदवासियों को काकोरी घटना की महत्वा से परिचत कराया गया।

विधायक भदोही जाहिद बेग ने कहा कि निरंकुश ब्रिटिश सत्ता को चेतावनी देने व धन एकत्र करने के निमित्त पहली बड़ी कार्यवाही काकोरी में 09 अगस्त 1925 को की गयी। यह घटना काकोरी घटना के नाम से प्रसिद्ध है। काकोरी टेªन एक्शन में शामिल सभी 26 क्रान्तिकारियों को नमन करते हुए कहा कि आज हम सभी को उनके सिद्धान्तों व आदर्शो को अपनाने की आवश्यकता है। जिन्होंने स्वधीनता समर की वेदी में हसते-हसते अपने प्राणों की आहूति देकर देश को स्वतंत्र कराया। उन सभी की जिन्दगी व शहादत देश की नवजवानों के लिए आदर्श है।

मुख्य विकास अधिकारी डॉ0 शिवाकांत द्विवेदी ने बताया कि स्वतंत्रता आन्दोलन से सम्बन्धित अनेक एतिहासिक घटनाओं में काकोरी की घटना अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इसका उद्देश्य सशक्त क्रान्ति के माध्यम से औपनिवेशिक सत्ता को उखाड़ फेकना और एक संघीय गणतंत्र संयुक्त राज्य भारत की स्थापना करना था। 09 अगस्त 1925 को लखनऊ जनपद के काकोरी में क्रान्तिकारियों द्वारा चलाये जा रहे स्वतंत्रता आन्दोलन को धन की आवश्यकता हेतु क्रियान्वयन किया गया था। शाहजहॉपुर में हुए बैठक में शहीद रामप्रसाद बिस्मिल ने खजाना प्राप्त करने की योजना बनाई। जिसके अनुसार शहीद राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी ने 09 अगस्त 1925 को आठ डाउन सहारनपुर लखनऊ पैसेंजर टेªन को चैन खींचकर रोका। क्रान्तिकारी शहीद राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में शहीद अशफाक उल्लाह खॉ, शहीद रोशन लाल, शहीद चन्द्रशेखर आजाद, व अन्य सहयोगियों ने टेªन पर धावा बोलकर अंग्रेजी खजाना पर कब्जा कर लिया और इस धन का प्रयोग स्वधीनता प्राप्ति हेतु नवयुवकों को संगठित करने व शस्त्र उपलब्ध कराने हेतु किया। उन्होंने अमर शहीद अशफाक उल्ला खॉ द्वारा कही गई एक पक्ति का उल्लेख किया-‘‘वतन हमेशा रहे शाद काम और आजाद, हमारा क्या है अगर हम रहे रहे न रहे।’’ मुख्य विकास अधिकारी द्वारा काकोरी टेªन एक्शन शताब्दी महोत्सव विषयक शासन द्वारा तैयार किये गये विशेष वृतांत लेख को पढ़कर जनमानस को सुनाया गया। जिससे देशप्रेम व राष्ट्रीय चेतना का भाव जागृत किया गया।

भाजपा जिलाध्यक्ष दीपक मिश्रा ने काकोरी टेªन एक्शन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि चौरी-चौरा घटना के द्वारा गॉधी जी द्वारा 11 फरवरी 1922 को बारदौली में असहयोग आन्दोलन को स्थगित करने की घोषणा की गयी। यह निर्णय क्रान्तिकारी आन्दोलन को पुनः जीवित करने में एक महत्वपूर्ण कारक रहा। आजादी के दिवाने क्रान्तिकारी नवयुवक भारत माता को स्वतंत्र कराने के लिए कटिबद्ध है। उद्देश्य के पूर्ति हेतु असफाक उल्लाह खॉ, राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी पं0 रामप्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, आदि क्रान्तिकारियों ने 1924 में हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन की स्थापना कर सशस्त्र क्रान्ति के माध्यम से स्वधीनता लाने हेतु काकोरी टेªन एक्शन को साकार किया। जिसमें कुल 29 क्रान्तिकारियों ने अपना जीवन स्वधीनता की वेदी को समर्पित कर दिया। उन्होंने रामप्रसाद बिस्मिल द्वारा कही गई एक बहुत प्रसिद्ध गीत का उल्लेख किया-मेरा रंग दे बसंती चोला…..हो माहे रंग दे बसंती चोला,।

उपर्युक्त अतिथियों द्वारा अमर शहीद बलिदानियों के परिजनों को-शहीद झूरी सिंह के पपौत्र-रामेश्वर सिंह, शहीद शीतल पाल की पपौत्र बहु, स्वतंत्रता सेनानी पारस नाथ मौर्य के पुत्र प्रमोद चन्द्र मौर्य, शहीद सुलभ उपाध्याय के पिता अशोक उपाध्याय, आदि को अंगवस्त्रं व मोमेन्टो भेंटकर सम्मानित किया गया तथा कहा गया कि आपके पूर्वजों के शहादत के प्रति जनपद व देश कृतज्ञ रहेगा।

जिला सूचना अधिकारी डॉ0 पंकज कुमार ने अपने विशेष व्याख्यान- काकोरी टेªन एक्शन प्लान सहित काकोरी के पूर्व एवं काकोरी के बाद की घटना पर व्यापक प्रकाश डालते उसकी उपदेयता व प्रासंगिकता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि क्रान्तिकारी आन्दोलन के द्वितीय चरण के चौरी-चौरा घटना से असहयोग आन्दोलन को बन्द करने की घोषणा के बाद क्रान्तिकारियों ने भारतीय जनता में गॉधी जी की अंहिसा वाद की नीतियों की निरर्थरता के प्रति जागृत उत्पन्न करने, पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए प्रत्यक्ष कार्यवाही तथा क्रान्ति की आवश्यता का प्रदर्शन करना, अंग्रेजी सम्राज विचारधारा से प्रेरित भारत में संघीय गणतंत्र की स्थापना करना। उपर्युक्त कार्यो के लिए धन एकत्रित करने हेतु सरकारी कोषो को अपना निशाना बनाने के निश्चय के क्रम में 09 अगस्त 1925 को सहारनपुर-लखनऊ में 8 डाउन रेलगाड़ी में सफलता पूर्वक लूटा, इस केश में कुल 29 क्रान्तिकारियों को गिरफ्तार कर काकोरी मुकदमा चलाया गया। 17 लोगों को लम्बी सजाये, 4 को आजीवन कारावास, तथा 4 क्रान्तिकारियों को रामप्रसाद बिस्मिल, असफाक उल्ला खॉ, ठाकुर रोशन लाल, तथा राजेन्द्र लाहिड़ी को क्रमशः गोरखपुर, फैजाबाद, इलाहाबाद, तथा गोड़ा में फॉसी दी गयी। उन्होंने बताया कि रामप्रसाद बिस्मिल जी ने अपने अन्तिम शब्दों (अपनी आत्मकथा) द्वारा देशवासियों को एकता व संदेश दिया-‘‘मरते बिस्मिल, रोशन, लाहिड़ी, अशफाक अत्याचार से, होंगे पैदा सैकड़ों इनके रूधिर की धार से।’’

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेन्द्र नारायण सिंह ने जनपद के बेसिक विद्यालयों के बच्चों द्वारा प्रभात फेरी निकाली गयी। जिसमें बच्चें राष्ट्रभक्ति सम्बन्धित नारे लिखे तख्थी लिये गाया व बजाया गया। प्रभात फेरी के समापन पर शिक्षकों द्वारा काकोरी टेªन एक्शन का वृतांत बच्चों को सुनाकर मिष्ठान का वितरण किया गया। शासन निर्देश के क्रम में सेवा समपर्ण के अन्तर्गत विभिन्न संगठनों एवं स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। अस्पतालों में फल व मिष्ठान का वितरण किया गया। ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों में विशेष रूप से शहीद स्मारकों, शहीद पार्को, अमृत वाटिकाओं, अमृत सरोवरों पर स्वच्छता अभियान चलाया गया। एक पेड़ मॉ के नाम कार्यक्रम में जनपदवासियों ने व्यापक वृक्षारोपण कर शहीद स्मृति उपवन की स्थापना भी किया। सूचना विभाग द्वारा अभिलेख व चित्र प्रदर्शनी, देशभक्ति आधारित पुस्तक, होर्डिग्स आदि के माध्यम से जनमानस में देशभक्ति व चेतना का भाव जागृत किया गया।

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