मध्यप्रदेश में घटा खाकी का सम्मान, सरकार नाकाम : जयवर्धन सिंह
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भोपाल, 21 मार्च (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को राज्य सरकार के मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल फफक-फफक कर रोने लगे। यह घटना तब हुई जब कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने सदन में सवाल उठाया कि उनके बेटे के खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया है और साथ ही यह भी मांग की कि उस थाना प्रभारी को तत्काल निलंबित किया जाए, जिसने यह प्रकरण दर्ज किया था।
मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल, जो इस सवाल का जवाब दे रहे थे, भावुक हो गए और उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए संबंधित थाना प्रभारी को निलंबित करने की घोषणा की। इस मामले के बाद कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने सरकार की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए।
कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो चुकी है और गृह मंत्री तथा मुख्यमंत्री अपना दायित्व निभाने में असमर्थ हैं। आज एक संवेदनशील मामला सामने आया है, मैं पहले यह कहना चाहूंगा कि अभय मिश्रा सदन के वरिष्ठ विधायक हैं, उनके और उनके परिवार के साथ गलत मामला दर्ज किया गया और इसी संदर्भ में मंत्री पटेल का संवेदनशील जवाब था।
उन्होंने आगे कहा कि कुछ महीने पहले मंत्री पटेल के बेटे के साथ भी पुलिस का एक विवाद हुआ था और इस दौरान वह भी भावुक हो गए थे। लेकिन दोनों मामलों पर जब विधायकगणों ने एकजुट होकर आवाज़ उठाई, तो मंत्री पटेल ने तुरंत कार्रवाई की और दोषी पुलिसकर्मी को सस्पेंड किया। हालांकि, यह मुद्दा सिर्फ एक पुलिस अधिकारी के निलंबन का नहीं है, बल्कि इससे बड़ी बात यह है कि प्रदेश में खाकी वर्दी का जो सम्मान है, वह लगातार घटता जा रहा है।
जयवर्धन सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के शासन में मध्यप्रदेश में हिंसक घटनाएं बढ़ रही हैं। उन्होंने मऊगंज और दमोह में हुई घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ चुकी है। जब हम देखे कि एक ओर भारत क्रिकेट मैच जीत रहा है और दूसरी ओर मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में हिंसा हो रही है, तो यह सरकार के लिए शर्मनाक है।
विधायक ने मुख्यमंत्री मोहन यादव पर भी तंज कसा, जो गृह मंत्री होने के बावजूद सदन में इस महत्वपूर्ण चर्चा में उपस्थित नहीं थे। उन्होंने कहा कि हम पूछना चाहते हैं कि मुख्यमंत्री को गृह मंत्रालय से कोई रुचि नहीं है या फिर वह इस जिम्मेदारी को किसी और को सौंप देना चाहते हैं। मध्यप्रदेश में लगातार हो रही हिंसक घटनाओं और झूठे मामलों की बढ़ती संख्या सरकार के नियंत्रण में नहीं है। यह प्रदेश शांति का टापू होना चाहिए, जहां प्रेम और सद्भाव बना रहे, लेकिन जो स्थिति बन चुकी है, उससे साफ है कि सरकार कानून व्यवस्था को नियंत्रित करने में असफल हो रही है।
–आईएएनएस
पीएसके/सीबीटी
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इनपुट. आईएएनएस के साथ