चुनाव लड़ना ही बहादुरी नहीं जनता की समस्या और मूलभूत सुविधा देना सरकार का कम — अब्दुल गनी खान

Fighting elections is not bravery for people's problems and giving basic facilities to the government is why -- Abdul Ghani Khan

हिंद एकता टाइम्स भिवंडी

रवि तिवारी

भिवंडी – भिवंडी विधानसभा क्षेत्र में पिछले हफ्ते भिवंडी कामतघर के स्व, मनोज मोतीराम काटेकर क्रीडा नगरी के विशाल प्रांगण में प्रचार सभा का आयोजन किया गया था। उनहों ने भिवंडी के सड़कों और जर्जर इमारतों के अलांवां शहरियों के मूल भूत सुविधा की दुर्दशा पर तीखे सवाल उठाए थे। जो सीधा प्रशासनिक कार्यों पर सीधा आरोप था। फिर भी अभीतक प्रशासन की ओर से ना तो सड़कों के गड्ढे पर को कोई कठोर कदम उठाए गये है। और ना ही संबंधित ठेकेदारों या पालिका के संबधित अधिकारियों पर कोई कार्रवाई की गई है।
भिवंडी में कई वर्षों से प्रशासनिक सेवाओं के माध्यम से शहर के कार्य भार की देख रख कीजा रही है । क्यों कि नगर पालिकाओं महानगर पालिकाओं तथा स्थानीय निकाई चुनाव ना होने के कारण प्रशासन व्दारा पूरा कार्य देखा जा रहा है। जिसके चलते स्थानीय नागरिक तानाशाही और भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे है। कई बार रिश्वत लेते हुए कर्मचारियों को पकड़ा गया है। लेकिन इसके बावजूद भ्रष्टाचार पर रोक नहीं लगी। सड़कों पर बने गहरे गड्ढों से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है। जिनमें कई बाइक सवारों की जान जा चुकी है। सड़क पर बने ये गड्ढे और टूटे पेवर ब्लॉक दोपहिया चालकों के लिए जानलेवा साबित हो रहे है। जहां कई लोग पीछे से आ रही गाड़ियों की चपेट में आकर मौत के शिकार हो रहे है।
बरसात के मौसम में जर्जर इमारतें गिरने की घटनाएं आम हो गई है। जिसमें हर साल कई निर्दोष नागरिक अपनी जान गंवाते है। आरोप है कि केवल उन्हीं इमारतों को तोड़ा जाता है जहां से रिश्वत मिलती है। जबकि अन्य खतरनाक इमारतें लोगों की जान पर खतरा बनी रहती है। इस भ्रष्टाचार के चलते शहर का इंफ्रास्ट्रक्चर बदहाल है, और लोगों की जान पर हमेशा खतरा मंडराता रहता है। भिवंडी के नागरिक अब प्रशासन की इस लापरवाही से तंग आ चुके है। रावजी नगर के समाजसेवक अब्दुल गनी खान ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही सड़कों के गड्ढों की मरम्मत नहीं की गई, तो जनता सड़क पर उतर कर आंदोलन करेगी। उनका कहना है, “प्रशासन की लापरवाही से भिवंडी के लोग रोजाना अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। अब और चुप नहीं बैठा जाएगा।”
मुख्यमंत्री के सवालों के बावजूद भी प्रशासन की सुस्ती और भ्रष्टाचार पर अंकुश ना लगने से जनता का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। भिवंडी के लोग अब यह जानना चाहते हैं कि आखिर कब उनकी आवाज सुनी जाएगी और कब उनके जीवन को सुरक्षित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे ? पालिका आयुक्त अजय वैद्य के कार्यशैली पर प्रश्न निर्माण किया जा रहा है।

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