बिहार को स्पेशल पैकेज के नाम पर गुमराह करने की कोशिश

Attempt to mislead Bihar in the name of special package

पटना: बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने बुधवार को आरोप लगाया कि केंद्रीय आम बजट में स्पेशल पैकेज देने के नाम पर बिहार के लोगों को गुमराह करने की कोशिश हो रही है। अधिकांश पुरानी योजनाओं को रिपैकेजिंग कर लगभग 58 हजार करोड़ का स्पेशल पैकेज दिखाया गया है। राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन और मृत्युंजय तिवारी ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि, हकीकत तो यह है कि बिहार के एनडीए सांसदों की तुलना में कम सांसदों वाली तेलगु देशम पार्टी स्पेशल पैकेज के रूप में आंध्र प्रदेश के लिए बिहार से ज्यादा राशि और कई नई योजनाएं लेने में कामयाब रही। जबकि, बिहार को पुरानी योजनाओं को ही पैकेज का हिस्सा बताकर बड़ी राशि दिखा दी गई।गगन ने कहा कि पीरपैंती में पावर प्लांट लगाने का निर्णय पहले से है। पीरपैंती, चौसा और कजरा, तीनों पावर प्लांट लगाने का निर्णय एक ही समय लिया गया था, जिसे पिछले दस वर्षों से केंद्र सरकार द्वारा ठंडे बस्ते में डाला हुआ था।उन्होंने कहा कि तत्कालीन उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के कार्यकाल में 2022 में ही पूर्णिया एक्सप्रेस-वे का डीपीआर तैयार करने के लिए टेंडर मांग लिया गया था। इसी प्रकार अगस्त 2023 में ही बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेस-वे की स्वीकृति मिल गई थी। गया औद्योगिक कॉरिडोर का निर्माण मई 2023 में ही शुरू हो चुका है और महाबोधि कॉरिडोर भी एक साल पहले की योजना है।

गगन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2015 में जो स्पेशल पैकेज की घोषणा की गयी थी, और जदयू व भाजपा नेताओं द्वारा दावा किया जा रहा है कि बिहार को वह मिल गया है, तो उन्हें बताना चाहिए कि वह दिखाई क्यों नहीं दे रहा है?उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने के लिए विशेष रूप से आग्रह किया गया था। बजट के विशेष पैकेज में उसकी भी चर्चा नहीं है और मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि उनकी सारी मांगें मान ली गई। राजद प्रवक्ताओं ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार की जनता के साथ जिस प्रकार से वादाखिलाफी की है, बिहार की जनता उसे माफ नहीं करेगी।

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