आजमगढ़:नाग पंचमी के पर्व पर हर्षोउल्लास के साथ पूजे गए नाग देवता

Azamgarh news:On the occasion of Nag Panchami, the serpent deity was worshipped with great enthusiasm

रिपोर्ट:रोशन लाल

आजमगढ़ जिला के शहर से लेकर ग्रामीण अंचल तक नाग पंचमी तिथि पर श्रद्धा और हर्षोउल्लास तथा विश्वास के साथ पूजे गए नाग देवता।सनातन धर्म में नाग पंचमी तिथि का विशेष महत्व है ।इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि नागदेव की पूजा करने से कुंडली में स्थित काल सर्प दोष से मुक्ति मिलती है। ओम प्रकाश सिंह पूर्व प्रधानाचार्य तिलखरा ने बताया कि भविष्य पुराण के मुताबिक सुमंतु मुनि ने शतानीक राजा को नाग पंचमी की कथा के बारे में जानकारी दी थी। मान्यता है कि श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग लोक में एक बहुत बड़ा उत्सव होता है। इस दिन नागों को गाय के दूध से नहलाने की प्रथा है। ऐसा करने से नागदेव लोगों को अभय दान देते हैं। भारतीय संस्कृति सर्व लोक कल्याण की भावना से अनु प्राणित रही है। अमृत की तलाश मनुष्य जीवन भर करता है। यह बात और है कि अमृत के बदले उसे विष या प्रतिकूल परिस्थितियां ही मिलें। प्रतिकूलता में अनुकूलता की तलाश ही अमृतत्व प्राप्ति का एकमात्र साधन है। ईश्वर ने जीवों में अमृत बूदों का समावेश कर सुंदर रूप की रचना की है। यह अमृततत्व उसके वाह्य रूप में ही विद्यमान है। इसलिए सुंदर रूप हमेशा धोखे का कारण बनता है। नाग देवता की उपासना विश्व को हलाल पान कर संसार कोअमृत देने के प्रयास का ही परिचायक है। और यह क्षमता केवल भोलेनाथ में ही है। इस अवसर पर दी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नगेद्र सिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता अशोक कुमार सिंह , मंडल अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह, श्री राम जानकी मंदिर के पुजारी तथा अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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