एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती की विशेषता बताएंगे : शिवराज सिंह चौहान
Will tell one crore farmers the specialty of natural farming: Shivraj Singh Chauhan
लखनऊ, 19 जुलाई:केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लखनऊ में शुक्रवार को प्राकृतिक खेती पर आधारित ‘भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति’ कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने दावा किया कि कम से कम एक करोड़ किसानों के बीच जाकर उन्हें प्राकृतिक खेती की विशेषताओं के बारे में बताएंगे।उन्होंने कहा कि हम कम से कम एक करोड़ किसानों तक जाएंगे और प्राकृतिक खेती की विशेषता से अवगत कराएंगे। हम कोशिश करेंगे कि उनमें से 18 लाख किसान ऐसे निकलें, जो प्राकृतिक खेती करने का संकल्प लें। अगर आपके पास 5 एकड़ खेत है तो एक एकड़ में प्राकृतिक खेती करें। अगर आपके पास दो एकड़ खेत है तो आधे एकड़ में करें, बाकी में आपको जो करना है, करते रहें।
उन्होंने कहा कि हमारे कृषि विश्वविद्यालय एक और प्रयोगशाला बनेगी। प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ बता रहे थे कि एक कृषि विश्वविद्यालय को प्राकृतिक कृषि विश्वविद्यालय के रूप में बनाएंगे। मैं उनका अभिनंदन करता हूं। हमारे कृषि महाविद्यालय और कृषि विज्ञान केंद्र को हम प्रयोगशाला बनाने की दिशा में काम करेंगे। इसके अलावा प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों के खेत भी प्रयोगशाला होंगें।
उन्होंने कहा कि जो प्राकृतिक खेती अपनाएंगे, उनको विधिवत प्रशिक्षण देने का काम करेंगे। प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को पहले और दूसरे साल तक उत्पादन थोड़ा कम हो सकता है। लेकिन, तीसरे साल में ज्यादा होगा। इसलिए, तीन साल तक हम किसानों के खाते में कुछ पैसे डालेंगे। केमिकल फर्टिलाइजर पर भी तो सब्सिडी दे ही रहे हैं, तो प्रोत्साहन के लिए ये भी जरूरी है। प्राकृतिक खेती से किसानों को जब लाभ होगा तो वह खुद खेती करना शुरू कर देंगे।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती में अगर एक किसान सफल हो गया तो वह इस खेती को और बढ़ाएगा और दूसरे किसान भी प्रभावित होंगे। धीरे-धीरे देश में प्राकृतिक खेती होने लगेगी। आज-कल इतनी जागरूकता हो गई है कि लोगों को जब पता चलेगा कि प्राकृतिक खेती का उत्पाद है, इसमें केमिकल फर्टिलाइजर का उपयोग नहीं हुआ है। तो, लोग उसे डेढ़ गुना दाम पर खरीद लेंगे। मैं हर विषय का विशेषज्ञ नहीं हूं, इसलिए आप सब लोग जो तय करेंगे, उसे हम फॉलो करेंगे। कई बार मंत्री बनकर यह गुमान हो जाता है कि अपन ही सब कुछ हैं। लेकिन, मैं मानता हूं कि हर व्यक्ति, हर विषय का जानकर नहीं हो सकता, यहां विशेषज्ञ बैठे हैं, उनका मार्गदर्शन और सलाह लेंगे।