जीव की पहचान उसके धर्म के आचरण से होती है आचार्य राघवेंद्र शास्त्री,
विनय मिश्र, जिला संवाददाता।
,बरहज देवरिया।
श्री श्री 1008 श्री मारुति महायज्ञ एवं हनुमत प्राण प्रतिष्ठा के अंतर्गत ग्राम बेलासपूर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चतुर्थ सत्र में श्रीमद्भागवत के सरस प्रवक्ता पंडित राघवेंद्र शास्त्री जी ने कहा किधर्मेण हीनाः पशुभिः समानाः,अर्थात जीव की पहचान उसके धर्माचरण से है।भगवान रिषभदेव जी अपने पुत्रों को अवधूत धर्म का उपदेश प्रदान किए।शास्त्र कहता है शरीर साधना के लिए प्राप्त हुआ है।वृंदावन से पधारे राशलीला में भगवान कृष्ण की झांकी लीला एवं काशी से पधारे आचार्य प. रमाशंकर मिश्र जी द्वारा वेद मंत्र की ध्वनियों से भक्तिमय वातावरण का माहौल रहा। हनुमान जी महाराज की मूर्ति का हर्ष और उल्लास के साथ भजन कीर्तन ढोल नगाड़ों के बीच बेलासपुर, परसिया भीखम, मरकड़ा, एवं सोनाड़ी स्थित सिद्ध सभी देवस्थानों से होते हुए पुनः मंदिर परिसर में आगमन हुआ।
इस दौरान संत रामसुमिरन दास,रमेश चंद्र त्रिपाठी(ए. आर. सहकारिता देवरिया),सुनील कुमार सिंह(ADCO बरहज),शिवेंद्र मौर्या(A.D.O.भलुअनी),अंगद तिवारी, पवन कुमार तिवारी(ग्राम प्रधान बेलासपुर) चन्द्रभूषण सिंह, बबलू सिंह, निर्भय सिंह, दिगम्बर नाथ तिवारी,केदार तिवारी, छट्ठू राजभर (पूर्व प्रधान),कृष्ण कुमार तिवारी,बैरिस्टर सिंह,रवि प्रकाश तिवारी,प्रणव कुमार दूबे,शम्भू यादव,प्रभात जी, राहुल जी, अंकित सिंह, अमन जी, शक्ति तिवारी,राजेश्वर सिंह,हरेराम सिंह,आदि उपस्थित रहे।