आजमगढ़:सामाजिक बयमनुस्ता को समर्पित करना ही भगवान शिव की सच्ची उपासना ( पंडित कौशल किशोर जी महाराज)
रिपोर्ट: अमित सिंह
मेंहनगर (आजमगढ़ ) स्थानीय तहसील क्षेत्र के गौरा गांव के श्री दुर्गा जी मन्दिर पर आयोजित सात दिवसीय संगीत मय श्री राम कथा में पहुंचे उपजिलाधिकारी मेंहनगर रामानुज शुक्ला ने मन्दिर में दर्शन कर कथा व्यास पण्डित कौशल किशोर महाराज जी का माल्यार्पण कर स्वागत किया।
कथा सुन भक्त मनमोहक हो गए। कथा में बाबा ने शिव विवाह का विस्तार पूर्वक वर्णन करते हुए बताया की रामचरित मानस में गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज ने चार विवाह का वर्णन किया है साधना का विवाह उपासना का विवाह भावना का विवाह वासना का विवाह हमारे सनातन धर्म में विवाह को एक श्रेष्ठ संस्कार माना जाता है।
विवाह में दंपति परिणय सूत्र बंधन में बंधकर आध्यात्मिक जीवन व्यतीत करते हुए समाज की सेवा आयाम को स्थापित करने में अपना योगदान प्रदान करते हैं। और भगवान शिव जी का वाहन पृषभ हैं जो पृषब को धर्म का स्वरूप माना जाता है भगवान शिव को बैर चढ़ाया जाता है बैर को चढ़ाने के पीछे का आशय यह है कि बैर के साथ साथ व्यक्ति को अपनी बयमनुस्था और बैर को चढ़ा देना ही भगवान शिव की सच्ची उपासना है।