जबलपुर में समझौता नहीं करने पर लिखवाई थी गोली लगने की रिपोर्ट

In Jabalpur, a report was filed of being shot for not agreeing to a compromise

जबलपुर में एक युवक ने दोस्तों के साथ मिलकर अपने दुश्मन से बदला लेने के लिए एक ऐसी साजिश रची कि जिसके झांसे में मध्यप्रदेश पुलिस भी आ गई। जबलपुर के माढ़ोताल में रहने वाले एक शख्स के हाथ में पहले तो गोली मारी गई, जिसके बाद घायल युवक ने पुलिस में जाकर एफआईआर दर्ज करवाई कि उस पर दो लोगों के द्वारा प्राणघातक हमला किया गया है। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत ही मामला दर्ज किया और घायल के बताए अनुसार आरोपियों की तलाश शुरू कर दी। तीन माह बाद पुलिस की जांच जब पूरी हुई तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। पुलिस को पता चला कि जिस व्यक्ति ने अपने ऊपर फायरिंग होना बताया था, असल में उसने अपने एक दोस्त के कहने पर यह पूरा प्लान बनाया था, और वह ही इस पूरी फिल्म का मास्टरमांइड था, जिसने कि अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर प्लान बनाया और फिर झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने इस फर्जी एफआईआर केस में अभी तक दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि कुछ की तलाश जारी है।सर मोहित ने गोली मार दी है 29 नवंबर की शाम को माढ़ोताल थाना पुलिस को जानकारी लगी कि एक युवक को गोली लगने के चलते उसे घायल हालत में मेडिकल काॅलेज में भर्ती किया गया है। जानकारी लगते हुए पुलिस की टीम मेडिकल पहुंची, जहां घायल से पूछताछ की गई तो उसने अपना नाम अशोक बंशकार बताया। घायल का कहना था कि वह सिद्धबाबा साहू मोहल्ला, जबलपुर में रहता है, और रेत गिट्टी सप्लाई का काम करता है। 28 तारीख को नीरज तिवारी ने एक डंपर गिट्टी बरझैया पनागर की साइड में गिराने की बात सात हजार रुपए में की थी। 29 तारीख को नीरज तिवारी की साइड में जब गिट्टी पहुंचाई गई और उससे पैसे मांगे गए तो उसका कहना था कि कल घर आकर ले लेना, जिसके बाद अशोक ने डंपर वापस बुला लिया, जिसके बाद नीरज और अशोक के बीच फोन पर जमकर विवाद और गाली-गलौज भी हुई।

रात को बाईपास में गोली मारीपुलिस पूछताछ में अशोक ने बताया कि 29 तारीख को वह किसी काम से कटंगी बाईपास गया था, वहां पर पहले से ही नीरज और उसका दोस्त मोहित राजपूत खड़े हुए थे। जैसे ही दोनों ने मुझे देखा, और पास आकर विवाद करते हुए मोहित ने पिस्टल निकाली और फायरिंग कर दी, अशोक ने बताया कि फायरिंग के दौरान वह नीचे झुक गया, जिसके कारण गोली उसके हाथ को छूते हुए निकल गई, इसके बाद दोनों वहां से भाग खड़े हुए। अशोक की शिकायत पर माढ़ोताल थाना पुलिस ने नीरज और मोहित की तलाश शुरू कर दी।
पुलिस की जांच में पलट गई कहानीअशोक की शिकायत पर पुलिस लगातार नीरज और मोहित की तलाश में जुटी हुई थी, इस दौरान पुलिस ने घटनास्थल में जाकर आसपास के लोगों से पूछताछ भी की, और सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो वहां पर नीरज और मोहित ना होकर अशोक का साथी विशाल पांडे अपने चाचा राजा पांडे के साथ दिखा, तब पता चला की इस फायरिंग को एक साजिश के तहत किया गया है। मोहित राजपूत को फंसाने के लिए ही विशाल ने अशोक के हाथ में गोली मारी थी, और उसे पुलिस थाने जाकर मोहित और नीरज का नाम लेने कहा था। फर्जी गोलीकांड में पुलिस ने अशोक और विशाल को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि राजा अभी फरार है।
मोहित पर हुई थी फायरिंग अक्टूबर माह में विशाल पांडे के छोटे भाई विवेक पांडे ने मोहित राजपूत पर फायरिंग की थी, जिसकी शिकायत उसने आधारताल थाने में दर्ज करवाई थी। मोहित की शिकायत पर पुलिस ने चंद दिनों में ही विवेक पांडे को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। विवेक उर्फ चूहा के जेल जाने के बाद राजा पांडे, विशाल पांडे और उसका दोस्त अमन कुमार मोहित पर समझौता करने का लगातार दबाव बना रहे थे, पर वह इसके लिए तैयार नहीं हुआ, जिसके बाद मोहित राजपूत को फंसाने के लिए यह पूरा प्लान बनाया गया, जिसका मास्टरमांइड विशाल पांडे थे। माढ़ोताल थाना पुलिस ने आरोपियों से पिस्टल और घटना में प्रयुक्त बाइक जब्त की है।

जबलपुर से वाजिद खान की रिपोर्ट

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