सुप्रीम कोर्ट ने विजय मदनलाल चौधरी मामले में सुनवाई 27 नवंबर तक स्थगित की

Supreme Court adjourned hearing in Vijay Madanlal Choudhary case till November 27

नई दिल्ली:। सुप्रीम कोर्ट ने विजय मदनलाल चौधरी मामले में 2022 के फैसले की समीक्षा की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई 27 नवंबर तक टाल दी। न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने पक्षों के संयुक्त अनुरोध पर सुनवाई स्थगित की।

इससे पहले की सुनवाई में समीक्षा याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कार्यवाही स्थगित करने पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि ईडी के कहने पर मामले को बार-बार स्थगित किया गया।

इससे पहले, न्यायमूर्ति सी.टी. रविकुमार और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की सदस्यता वाली विशेष पीठ न्यायमूर्ति रविकुमार की अनुपलब्धता के कारण नहीं बैठ सकी थी और उसके बाद, पुनर्विचार याचिकाओं को 18 सितंबर को सुनवाई के लिए फिर से सूचीबद्ध करने का निर्णय लिया गया था।

विजय मदनलाल चौधरी एवं अन्य बनाम भारत संघ एवं अन्य के मामले में तीन न्यायाधीशों की पीठ ने पीएमएलए की धारा 50 के अधिकार को चुनौती देने से इंकार कर दिया था, जो ईडी को किसी आरोपी को बुलाने और बयान दर्ज करने की शक्ति प्रदान करती है, जो कि अदालत में स्वीकार्य साक्ष्य है।

न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर (अब सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा दिए गए 2022 के फैसले में अपराध की आय की परिभाषा, गिरफ्तारी की शक्ति, तलाशी और जब्ती, संपत्तियों की कुर्की और जमानत की दोहरी शर्तों के संबंध में पीएमएलए के कड़े प्रावधानों की पुष्टि की गई। इसके बाद, तत्कालीन सीजेआई एन.वी. रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने दो मुख्य चिंताओं के लिए अपने पीएमएलए फैसले की समीक्षा करने पर सहमति व्यक्त की थी।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली विशेष पीठ 2022 के पीएमएलए फैसले पर पुनर्विचार और इसे बड़ी पीठ को सौंपने की मांग वाली याचिकाओं के एक अन्य समूह पर विचार कर रही है.

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