वक्फ एक्ट में संशोधन जरूरी, भ्रष्टाचार पर जीरो प्रतिशत टॉलरेंस पर काम कर रही सरकार: शादाब शम्स
Waqf Act amendment necessary, government working on zero percent tolerance on corruption: Shadab Shams
देहरादून: उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने दावा किया है कि प्रदेश की पांच हजार में से ज्यादातर संपत्तियों पर अवैध कब्जा किया गया है। उन्होंने कहा है कि वो चाहते हैं कि आजादी के बाद से अब तक वक्फ की संपत्तियों में जो भी हेर फेर हुआ है उसकी सीबीआई जांच कराई जाए।वक्फ बोर्ड के चेयरमैन शादाब शम्स अवैध कब्जे पर अपनी राय रखी। मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए बोले, “उत्तराखंड एक छोटा सा राज्य है। यहां वक्फ बोर्ड की बहुत ज्यादा तो नहीं हैं पर पूरे राज्य में करीब पांच हजार संपत्तियां हैं। इनमें से अधिकतर पर अवैध कब्जा है। कुछ बहुत बड़ी संपत्तियां हैं, जिन पर कब्जा किया गया है।शम्स के मुताबिक, नैनीताल-रामनगर में वक्फ बोर्ड के 200 बीघे की जमीन पर रिजॉर्ट बनाया गया है। यह रिजॉर्ट संजय गांधी के साथी और पूर्व सांसद अकबर अहमद डंपी ने बनाया है। इसके अलावा कांग्रेस के एक और पूर्व सांसद सईदउज्जा ने भी वक्फ बोर्ड की एक संपत्ति पर कब्जा जमा रखा है। उनको भी हमने धारा 54 का नोटिस जारी किया है। इसके अलावा अकबर अहमद डंपी के ऊपर एक दर्जन से ज्यादा धाराओं में हमने केस दर्ज करवाया है। इनमें धारा 420 के तहत भी मामला दर्ज किया गया। इसके अलावा तीसरा मामला एक मुस्लिम धर्म गुरु सज्जाद द्वारा वक्फ की डेढ़ सौ एकड़ भूमि को सेटिंग करके अपने नाम दर्ज करवाने का है।”.शम्स ने वक्फ बोर्ड पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “इस मामले में वक्फ बोर्ड ने कोर्ट में पैरवी नहीं की। मामले में कागज उपलब्ध न होने के कारण वह (आरोपी) कोर्ट में जीतते चले गए और उसके मालिक बन गए। अब वह उन संपत्तियों को लगातार बेच रहे हैं। जिस जमीन के ऊपर सैकड़ों सालों से मेला लगता आया है, उस जमीन को भी उन्होंने अपने नाम दर्ज करा लिया है। इसके बाद हमने उस मामले को हाईकोर्ट में दर्ज कराया।”.वक्फ बोर्ड के चेयरमैन के मुताबिक यह संपत्तियां गरीबों की हैं और इनके असल हकदार भी वही हैं। उन्होंने आगे कहा, लेकिन कुछ लोगों द्वारा जमीन कब्जाने की वजह से गरीबों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। चंद माफिया, परिवार, अमीर लोगों ने इन जमीनों पर कब्जा कर संपत्तियों का दोहन कर रहे हैं।उत्तराखंड वक्फ बोर्ड अध्यक्ष ने वक्फ एक्ट में संशोधन की वकालत की। उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि संशोधन बहुत जरूरी है। चंद लोगों ने अपनी बपौती बना लिया है, वक्फ बोर्ड को इससे बाहर लाना चाहिए। जो बड़े-बड़े लोग आज इसका रोना रो रहे हैं वह लोग वक्फ की संपत्ति का दोहन करने वाले लोग हैं। मोदी सरकार जीरो परसेंट टॉलरेंस ऑन करप्शन की नीति पर चल रही है। हमने प्रधानमंत्री जी से निवेदन किया है कि देश कि आजादी के बाद से जितनी भी वक्फ संपत्तियों में घालमेल हुआ है, इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए।”