शारदा जी आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन अपने गीतों के कारण वो अमर हो गईं : विजय सिन्हा

Sarada ji is not among us today, but because of her songs, she became immortal: Vijay Sinha

पटना: मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन के बाद पूरे देश में शोक का माहौल है। बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा और बिहार कैबिनेट के श्रम संसाधन मंत्री संतोष सिंह ने गहरा दुख प्रकट किया है।विजय सिन्हा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि शारदा सिन्हा लोक आस्था के महापर्व छठ पर लोकगीत के माध्यम से बिहार की भाषाओं मगही, मैथिली और भोजपुरी को देश दुनिया तक पहुंचाया। उन्होंने छठ पूजा और सांस्कृतिक विरासत से नई पीढ़ी को अवगत कराया।विजय सिन्हा ने आगे कहा कि पूरे देश में लोग छठ मना रहे हैं और जब तक यह पर्व चलेगा, शारदा जी के गीत उनकी याद दिलाती रहेंगे। आज वो हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन अपने गीतों के कारण वो अमर हो गई हैं। शारदा सिन्हा के जाने को बहुत बड़ी क्षति बताते हुए उन्होंने श्रद्धांजलि दी।बिहार कैबिनेट के श्रम संसाधन मंत्री संतोष सिंह ने दुख प्रकट करते हुए कहा कि यह समाचार बहुत ही हृदय विदारक है। उन्होंने लोकगीत को भारत में एक नई दिशा दी थी। इस महान कलाकार ने छठ पर्व पर लोकगीत प्रस्तुत की। ये पूरे देश की अपूर्णीय क्षति है, इसकी कोई भरपाई नहीं कर सकता।बता दें कि मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का मंगलवार की रात निधन हो गया। वह 72 साल की थीं। कुछ दिन पहले बीमारी के चलते उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था। सोमवार (4 नवंबर) को तबीयत बिगड़ने पर उन्हें वेंटीलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया था। बेटे अंशुमन उनका हेल्थ अपडेट सोशल मीडिया के जरिए फैंस तक पहुंचा रहे थे। निधन की खबर भी उन्होंने साझा की।शारदा सिन्हा के पुत्र अंशुमान सिन्हा ने मंगलवार शाम सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर दुखद खबर सुनाई। उन्होंने बताया , “आप सब की प्रार्थना और प्यार हमेशा मां के साथ रहेंगे। मां को छठी मइया ने अपने पास बुला लिया है। मां अब शारीरिक रूप में हम सब के बीच नहीं रहीं।”,पद्म भूषण से सम्मानित 72 वर्षीय शारदा सिन्हा मैथिली और भोजपुरी गानों का जाना पहचाना नाम थीं। उनके चर्चित गानों में ‘विवाह गीत’ और ‘छठ गीत’ शामिल हैं। गीत-संगीत में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री और पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया है।

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