29वर्षों से हिंदू मुस्लिम एकता का मिशाल बना रामलीला
लंका दहन, समुद्र पुल निर्माण,विभीषण मित्रता का मंचन हुआ
रिपोर्ट:भगवान उपाध्याय
देवरिया:बरहज के गहिला में रामलीला का मुख्य अतिथि जिला पंचायत प्रत्यासी अभिनव यादव उर्फ राजा और विशिष्ठ अतिथि विजय यादव रहे। इसके आयोजक राजेन्द्र सिंह दिवाकर नाथ तिवारी, रामलीला समिति के अध्यक्ष राकेश यादव उपाध्यक्ष सूरज, कोषाध्यक्ष परवेज अंसारी ,संचालक शैलेश कुमार और रामसमुज रहे।
अंतिम दिन के रामलीला मंचन में हनुमान माता जानकी की खोज करते 100 योजन का समुद्र पर कर लंका पहुंचते हैं। जहां उन्हें माता जानकी अशोक वाटिका में मिलती हैं। हनुमान वाटिका में फल खाते हैं तो राक्षस उन्हें रोकते हैं। जब राक्षस मुकाबला नहीं कर पाते तो मेघनाथ आता है। मेघनाथ हनुमान को दशानन रावण के सामने ले जाता है। लंकेश हनुमान की पूंछ को आग लगाने का आदेश देते हैं। पूछ में आग लगने पर हनुमान पूरी लंका जला डालते हैं। माता सीता का पता लगने के बाद हनुमान किष्किंधा जाकर राम को बताते है। सभी मिलकर समुद्र पर करने की योजना बनाते हैं। समुद्र के पर जाने के लिए नल और नील नाम के दो वानर पुल बनाए है, जिसमें अन्य वानर पत्थर भी उनकी पुल निर्माण में सहायता करते हैं। धीरे-धीरे पुल बन जाता है। राम सुग्रीव सेना के साथ पुल पर करते हैं। विभीषण रावण को समझाते है कि माता सीता को वापस करे दे। रावण उन्हें अपने राज्य से निष्कासित कर देता हैं ।विभीषण राम के पास जाते हैं, जहा उनकी मित्रता राम से हो जाती है।
इस दौरान पूर्व प्रधान कमलेश गुप्ता,संतोष खरवार, सतेन्द्र यादव (रावण), देवाजीत यादव,सतेंद्र यादव शिक्षक विनोद कुमार,राजन यादव, दीपक सिंह धोनी, संजय खरवार,सुभम कुशवाहा,आशिक यादव, चंद्रभान यादव, यशवंत गोंड, हरिन्द्र गोंड,धनंजय यादव,विजय प्रकाश, संतोष यादव,रामसकल कुशवाहा,विवेक सिंह (हनुमान),मंजू ,गमलावती प्रतिमा ,साधना, निशु,निधि, रेखा,खुशी, मुस्कान,काजल, किरन खरवार आदि लोग उपस्थित रहे।