आजमगढ़:महापर्व छठ का समापन, उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ पूरा हुआ व्रत

विगत वर्षों की बात इस वर्ष भी गंभीरपुर बाजार निवासी विनोद मोदनवाल द्वारा घाट से लेकर बाजारों में की गई थी लाइट की व्यवस्था,गंभीरपुर पुलिस घाटों का करती रही भ्रमण

रिपोर्ट: राहुल पांडे
सूर्य भगवान को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिन के छठ महापर्व का सोमवार को समापन हो गया।
नहाय खाय से शुरू हुए आस्था के महापर्व छठ पूजा का आज चौथे दिन उगते हुए सूर्य देवता को अर्घ्य देने के साथ ही समापन हो गया। बाबा विश्वनाथ दास मंदिर, प्राचीन शिव मंदिर गंभीरपुर, राम जानकी मंदिर बिंद्रा बाजार, बिषया, बसीरहा, बेलऊ, उत्तरगांवा, कलंदरपुर, रानीपुर रजमो, दयालपुर, मोतीपुर, रीवा, गोसाई की बाजार समेत अनेक घाटों पर व्रती महिलाओ द्वारा पूजन अर्चन किया गया।चौथा दिन यानी सप्तमी तिथि छठ महापर्व का अंतिम दिन होता है। इस दिन सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और इसी के साथ छठ महापर्व का समापन हो जाता है।छठ महापर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होती है। इसके बाद दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन को ऊषा अर्घ्य के नाम से जाना जाता है।छठ का पर्व बिहार, झारखंड समेत लगभग पुरे भारत में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। महिलाओं द्वारा छठ का व्रत संतान की लंबी उम्र और उनके खुशहाल जीवन के लिए रखा जाता है।पंडित पद्माकर मिश्रा ने बताया की चार दिन का पर्व छठ पूजा का समापन उषा अर्घ्य के साथ होता है। इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठ के व्रत का पारण किया जाता है।इस दिन व्रत रखने वाले लोग सूर्योदय से पहले नदी के घाट पर पहुंचकर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं। इसके बाद सूर्य देव और छठ माता से संतान के सुखी जीवन और परिवार की सुख-शांति और सभी कष्टों को दूर करने की कामना करते हैं। वही विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी गंभीरपुर बाजार निवासी विनोद मोदनवाल द्वारा घाट से लेकर पूरी बाजार में लाइट की व्यवस्था की गई थी और गंभीरपुर पुलिस द्वारा थाना क्षेत्र के सभी घाटों पर सुरक्षा के दृष्टि से पुलिस व महिला पुलिस की तनाती की गई थी।

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