रंग-बिरंगे फूलों से सजी हिंदू-मुस्लिम मुजावरों की टिपारियों का जुलूस निकाला गया

जबलपुर! शहादत के पर्व मोहर्रम की पांचवीं तारीख को शहर के अलग-अलग इलाकों से देर रात इशा की नमाज के बाद रंग-बिरंगे फूलों से सजी हिंदू-मुस्लिम मुजावरों की टिपारियों का जुलूस निकाला गया. जुलूस में शामिल अकीदतमंदों ने ‘या अली या हुसैन’ के नारे लगाए. ढोल, शहनाई और बैंड-बाजों के साथ निकले ये टिपारियों के जुलूस विभिन्न मार्गों से होते हुए हाई कोर्ट के सामने स्थित हजरत ख्वाजा अमीनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह कचहरी वाले बाबा साहब की दरगाह पहुंचे. टिपारियों के जुलूसों के आगमन पर सज्जादानशीन बाबर खां बंदानवाजी और खादिम ए आला चंगेज खान अशरफी ने परंपरागत रूप से बाबा साहिबान का इस्तकबाल किया. इस मौके पर दरगाह शरीफ को आकर्षक रोशनी से सजाया गया था और लंगर भी बांटा गया. दरगाह में बैंड-बाजों पर बज रही मोहर्रम की धुन पर अकीदतमंदों ने नजराना पेश किया. आधी रात तक टिपारियों के जुलूस दरगाह में हाजिरी देने पहुंचते रहे. जुलूस मार्ग में जहां-जहां से टिपारियां गुजरीं, वहां के निवासियों ने अपने घरों से बाहर आकर बाबा साहिबान को अपनी मुरादें बताईं और बाबा साहेब ने उन्हें दुआएं दीं.
कटनी से आई टिपारी
मुहर्रम की 5 तारीख के अवसर पर, कटनी के प्रजापति मोहल्ले से मुजावर मदन लाल प्रजापति की टिपारी भी कचहरी वाले बाबा के यहाँ हाजिरी देने पहुँची। वहाँ, बाबा साहब का स्वागत किया गया, जिसके बाद टिपारी कटनी स्थित पीर बाबा के यहाँ हाजिरी पेश करने गई।

सिटी कोतवाली में मर्सियाखानी और लंगर
सिटी कोतवाली बाजार स्थित मौलाना साहब की गली में मरहूम शेख मुन्ना नियाजी और मरहूम अब्दुल रऊफ बाबा नियाजी के इमामबाड़े में मोहर्रम की 5 तारीख को मर्सियाखानी का आयोजन किया गया. हाजी शेख जमील नियाजी, हाजी शेख मुबीन नियाजी, हाजी शेख अनवार नियाजी और हाजी बाबा सैयद शेख अमीन कर्बलाई साहब की सरपरस्ती में हुए इस आयोजन में टिपारियों के जुलूस में शामिल अकीदतमंदों के लिए छबील और लंगर का इंतजाम किया गया था. शहनाई वादक भी मोहर्रम की धुनें पेश कर रहे थे, जिस पर बाबा साहेब ने दिल खोलकर नजराना दिया. यह आयोजन पिछले 40 वर्षों से लगातार किया जा रहा है.

उपनगरीय क्षेत्रों में भी दिखा उत्साह
छावनी क्षेत्र सदर में रात 9:30 बजे टिपारियों का जुलूस परंपरानुसार शानो-शौकत से निकला. इसमें अकरम बाबा और सोनू बाबा की टिपारियां मुख्य आकर्षण रहीं, जिनमें जबलपुर शहर के बाहर से आई प्रसिद्ध बैंड-बाजों की टीमें शामिल थीं. जुलूस का नेतृत्व समाजसेवी मोहम्मद अकबर खान, सरवर अशफाक, सिकंदर बाबा, लाल चंदू कुरैशी, साजिद बरकत अहमद और अफजल बाबा ने किया. सदर बाजार की गलियों में गश्त के बाद जुलूस कचहरी दरगाह पहुंचा और हाजिरी पेश की.
इसी तरह गढ़ा में भी टिपारियों के जुलूस रात 9:30 बजे निकले, जिनमें मुस्लिम धर्मावलंबियों के साथ हिंदू धर्मावलंबी भी शामिल हुए. हाजी डॉ. सैयद मकबूल अली कादरी बाबा के इमामबाड़े का जुलूस पूरी अकीदत के साथ निकाला गया. मुतव्वली सैयद कादिर अली कादरी, आफताब कादरी, मुबारक कादरी, वासित कादरी, असगर कादरी, निजाम कादरी, इनायत कादरी और जवाहर कादरी ने जुलूस का नेतृत्व किया. गढ़ा की टिपारियों के जुलूसों ने विभिन्न मार्गों में गश्त करने के बाद गढ़ा बाजार स्थित हजरत सैयद बाबा की दरगाह में हाजिरी पेश की दरगाह में शरीफ बज्मे सुल्तानी के सूफी निजाम बाबा,जफीर बाबा जफ्फू, भूरा बाबा, शाहरुख खान सुलतानी, सोहेल फैजल खान,अयान खान, सज्जादा नशीन आशु अली कादरी, अशरफ खान, शारिब खान, एड अरफान खान, सहवाज खान आदि ने बाबा लोगों का इस्तकबाल किया और जुलूस में शामिल लोगों को लंगर तकसीम किया. गढ़ा तकिया में भी खलीफा मुमताज मंसूरी, गाजी नूर और नियाज मंसूरी द्वारा बाबा साहब का इस्तकबाल किया गया.

जबलपुर से वाजिद खान की रिपोर्ट

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