भागवत कथा श्रवण मात्र से जीव को मिलता है चारों फल
A man gets all the four fruits just by listening to the Bhagwat Katha
बरहज देवरिया।बरहज नगर के त्यागी जी हनुमान मंदिर पर चल रहे शिव महायज्ञ कथा का कार्यक्रम के विश्राम दिवस पर कानपुर से पधारी हुई । साध्वी सुश्री निलेश शास्त्री ने, भागवत महात्म की चर्चा करते हुए कहां की भागवत और भगवान की कथा ही जीव को जीवन में मुक्ति दिलाती है, संसार में जीव मोह रूपी बंधन से बड़ा हुआ है वह रूपी बंधन से छूटने का मात्र एक सरल उपाय है भगवान की भक्ति भगवान के नाम भगवान के रूप भगवान की लीला और भगवान के धाम की चर्चा श्रवण करने मात्र से जीव को धर्म अर्थ काम एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है इसलिए जीवन में मनुष्य को निश्चित रूप से भागवत और भगवान की कथा श्रवण करनी चाहिए आगे उन्होंने कृष्ण सुदामा की मित्रता की चर्चा करते हुए कहा कि कृष्ण सुदामा सांदीपनि गुरु के आश्रम में रहकर शिक्षा ग्रहण करते थे अपने मित्र के आने वाली विपत्ति को सुदामा ने टाल दिया, लोग कहते हैं कि सुदामा गरीब थे उन्होंने एक घटना का उल्लेख करते हुए बताया कि एक बुढ़िया भिक्षा मांग कर अपने घर चला रखी थी लेकिन चोरों ने उसे चुरा लिया भूखी प्यासी बुढ़िया ने श्राप दिया कि जो इस चना को खाएगा वह दरिद्र हो जाएगा इस बात को सुदामा जान गए और घने जंगल में लकड़ी काटते समय सुदामा जी ने वह चना खा लिया और संसार के मालिक पर आने वाली विपत्ति को अपने सर ले लिया यह मित्रता की एक मिसाल है जब श्री कृष्ण ने पूछा सुदामा क्या खा रहे हो तो उन्होंने कहा कि कुछ नहीं बरसात में भीग गया हूं इसलिए ठंड लग रही है और दांत बज रहा है क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि हमारा मित्र कृष्ण श्रापित चने को खाकर , गरीब हो जाए इसलिए अपने मित्र को उन्होंने श्रापित चना नहीं लिया स्वयं खाकर गरीब हो गए लेकिन मित्र को गरीब नहीं होने दिया यह भाव मित्रता की है जीवन में मित्र के साथ गुरु के साथ छल कपट नहीं करना चाहिए नहीं तो इसका परिणाम बड़ा भयंकर होता है कथा के दौरान मंदिर के महंत केसरी नंदन जी महाराज उर्फ त्यागी बाबा ने दो पत्रकार साथियों , श्री भगवान उपाध्याय एवं विनय मिश्र को सम्मानित किया जिन लोगों ने निरंतर यज्ञ और कथा के समाचार पत्रों में, खबरों को लिखते रहे ।
कथा के दौरान हनुमान मंदिर के महंत केसरी नंदन त्यागी जी महाराज श्यामसुंदर दास नितेश शास्त्री प्रभाकर शुक्ला रामाशंकर यादव सीमा शुक्ला कावेरी देवी सहित काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।