अक़ीदत मंदो ने चौथे ईमाम सज्जाद की याद मे शब्बेदारी*

Mau. Shabbedari was organized in Mohalla Gomtinagar located in Badagaon Nimtale of Ghosinagar. Shabbedari started at around 8 pm. In which the local organizations did Noha Khwani. Shabbedari ended late at night. Maulana who came from another district in Shabbedari said in his speech that after Karbala, Shabbedari was organized in the memory of Imam Sajjad, son of Imam Hussain.

घोसी।मऊ। घोसीनगर के बड़ागाँव निमतले स्थित महल्ला गोमतीनगर में शब्बेदारी का आयोजन।शब्बेदारी रात्रि लगभग 8:बजे शुरू हुई। जिसमें मुक़ामी अंजुमनो ने नोहा ख्वानी की। शब्बेदारी देर रात जाकर समाप्त हुई।शब्बेदारी मे दूसरे जिले से आये मौलाना ने तक़रीर कर बताया।कि कर्बला के बाद ईमाम हुसैन के बेटे ईमाम सज्जाद की याद में शब्बेदारी आयोजन किया । जब इमाम हुसैन की शहादत के बाद इमामत ईमाम सज्जाद को देखना था। ईमाम हुसैन की शहादत के बाद ईमाम सज्जाद हमेशा रोते रहे।कभी भी मुश्कुराये नही हमेशा अपने बाबा हुसैन व अपने चचा एवं भाइयो को याद कर रोते रहे।जब कोई ईमाम सज्जाद से पूछता कि मौला आप कब तक रोइयागा तो ईमाम कहते थे कि तुम लोग इंसाफ से बताओ कि जिसका पूरा भरा घर एक दोपहर में कर्बला मे उजड़ गया वो क्यों नही रोये।
इस मौके पर अंजुमनो ने नोहा पढ़ा। जिसमे पुराघाट, शाहगंज जौनपुर से आई अंजुमनों ने भी नोहा पढ़े।
आबिद पेटर की मय्यत रन से उठाते कैसे
हाथो मे हथकड़ी थी तुरबत बनाते कैसे
इस अवसर पर शब्बीर हुसैन, अब्बास, रहबर रज़ा, असगर अली,मिशम अली, अकबर अली, अली रज़ा, मुहम्मद, नसीम हैदर, फ़िरोज़ हैदर, मुज्तबा हुसैन,शमसाद हुसैन, नौसाद अली, दिलबर हुसैन आदि लोग मौजूद रहे।

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