आजमगढ़ और वॉलीबॉल:परंपरा को नई ऊंचाई पर ले गए सईद आलम,गांव बम्हौर का गौरव बने सईद आलम, वॉलीबॉल में नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा
Azamgarh and Volleyball have a glorious relationship
आजमगढ़, 23 अगस्त।ग्रेटर नोएडा में आयोजित उत्तर प्रदेश प्रो वॉलीबॉल लीग का शानदार समापन आज़मगढ़ के लिए यादगार बन गया। इस ऐतिहासिक टूर्नामेंट में बम्हौर गांव के लाल सईद आलम (शाहिद आलम) ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से न केवल मथुरा योद्धा टीम को फाइनल तक पहुंचाया, बल्कि आज़मगढ़ की वॉलीबॉल परंपरा को भी नया मुकाम दिलाया।जैसे ही कैफियत एक्सप्रेस से लौटकर वे आज़मगढ़ रेलवे स्टेशन पहुंचे, वहां का नज़ारा किसी जश्न से कम नहीं था। बम्हौरी, ग्राम प्रधान सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने फूल-मालाओं से उनका भव्य स्वागत किया। स्टेशन परिसर में “आजमगढ़ का बेटा -सईद आलम” के नारे गूंज उठे और लोग गर्व से झूम उठे।टूर्नामेंट के फाइनल में मथुरा योद्धा का मुकाबला मुज़फ्फरनगर लायंस से हुआ। पांच सेटों तक चले इस रोमांचक मुकाबले ने वॉलीबॉल प्रेमियों की सांसें थाम दीं। अंततः मुज़फ्फरनगर ने तीन सेट जीतकर खिताब अपने नाम किया, जबकि मथुरा योद्धा उपविजेता बनी। बावजूद इसके, आलम के साहस और कौशल की सभी ने खुलकर सराहना की।
स्वागत समारोह के दौरान भावुक सईद आलम ने कहा
“हार-जीत खेल का हिस्सा है। यह तो मेरी शुरुआत है। आने वाले दिनों में और मेहनत कर मैं अपने गांव, जिले और प्रदेश का नाम और ऊंचा करूंगा।”,गांव के बुजुर्गों और ग्रामीणों ने भी गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि सईद ने आज़मगढ़ की नई पीढ़ी को प्रेरित किया है। ग्राम प्रधान ने भरोसा दिलाया कि सईद के हर कदम पर पूरा गांव उनके साथ खड़ा रहेगा।
आज़मगढ़ और वॉलीबॉल का गौरवशाली रिश्ता
आजमगढ़ हमेशा से खेल-कूद की प्रतिभाओं की धरती रहा है, खासकर वॉलीबॉल में यहां की प्रतिभाओं ने प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया है। गांव-गांव में खेले जाने वाले पारंपरिक मैचों से लेकर राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं तक, इस जिले ने कई चमकते सितारे दिए हैं। सईद आलम ने इस गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाते हुए आजमगढ़ का झंडा एक बार फिर ऊंचा कर दिया।विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ऐसे खिलाड़ियों को उचित सुविधाएं और मार्गदर्शन मिलता रहा तो निकट भविष्य में आजमगढ़ राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी वॉलीबॉल का गढ़ बन सकता है।