Azamgarh news:रोडवेज कर्मचारियों ने दिया धरना, 12 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा

मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई न होने का आरोप, शासन से शीघ्र अमल की मांग

आजमगढ़ बलरामपुर से बबलू राय

आजमगढ़ जनपद में उत्तर प्रदेश रोडवेज कर्मचारी संघ के प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर गुरुवार को आजमगढ़ क्षेत्र के रोडवेज कर्मचारियों ने अपनी लंबित 12 सूत्रीय मांगों को लेकर क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने शासन और परिवहन निगम प्रबंधन की उदासीनता पर कड़ा विरोध जताते हुए चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र अमल नहीं हुआ तो आंदोलन को राज्यव्यापी रूप दिया जाएगा।धरने में शामिल सैकड़ों कर्मचारियों ने कहा कि पूर्व में हुई द्विपक्षीय वार्ता में सहमति बनने के बावजूद अभी तक किसी भी मांग पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि विभागीय लापरवाही और देरी के कारण रोडवेज कर्मियों को आर्थिक और प्रशासनिक स्तर पर लगातार समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।बताया गया कि यह कार्यक्रम 7 अक्टूबर को डिपो स्तर पर जन-जागरण के रूप में शुरू किया गया था। लेकिन जब उस चरण का कोई प्रभाव नहीं पड़ा, तो आंदोलन को क्षेत्रीय स्तर पर चरणबद्ध रूप से आगे बढ़ाया गया।धरना के दौरान कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री और परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक को संबोधित ज्ञापन क्षेत्रीय प्रबंधक के माध्यम से सौंपा।कार्यक्रम की अध्यक्षता क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रवेश कुमार सिंह ने की, जबकि संचालन क्षेत्रीय मंत्री दिलीप कुमार तिवारी ने किया। इस दौरान संरक्षक गोविंद प्रताप सिंह, सहसंरक्षक शोभनाथ यादव, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष राहुल सिंह व माकंर्डेय तिवारी, तथा अन्य पदाधिकारी महेश चंद्र पांडेय, अनिरुद्ध सिंह, चंदन गौड़, ज्ञानेंद्र कुमार, रितेश चंद्र पांडेय, बब्बन यादव, अशोक राय, विपिन राय, रामरतन सिंह, राधेश्याम गुप्ता, राजनारायण लाल, अंजलि चौरासिया, दिलीप यादव, गौरव दीक्षित, महेंद्र सोनकर, रजनीश रंजन कश्यप, उमाकांत मिश्रा, चंदन सिंह, निशा, प्रदीप गौड़, संयोग कुमार सिंह, हरीश सिंह, वीरेंद्र कुमार, अवनीश यादव, विनोद यादव, अवनीश पाठक, सुरेंद्र चतुर्वेदी, दयानंद यादव, और मधुकर चतुर्वेदी सहित बड़ी संख्या में शाखा अध्यक्ष, शाखा मंत्री और सदस्य उपस्थित रहे। कर्मचारियों ने सरकार से महंगाई भत्ते की बहाली, रिक्त पदों पर नियुक्ति, संविदा कर्मियों का नियमितीकरण, सेवा शर्तों में सुधार, वेतन विसंगति दूर करने समेत सभी 12 बिंदुओं पर तत्काल कार्रवाई की मांग की। धरने के अंत में कर्मचारियों ने नारेबाजी करते हुए कहा कि यदि जल्द कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो आंदोलन को जिला मुख्यालय से लेकर राजधानी तक विस्तारित किया जाएगा।

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