हीरो वही नहीं जो पर्दे पर दौड़ता है-हीरो वो है जो सच की खातिर नींद, चैन और डर त्याग देता है… जैसे चिराग जैन
जिन्हें लगा था केस दब जाएगा-वो भूल गए, इस बार ड्यूटी पर 'चिराग' तैनात था

आईपीएस चिराग जैन की कहानी । जो आजमगढ़ जिले की कर रहे है उपकप्तानी ।। पहले ही अग्नि परीक्षा में हुवे पास । गायब बेटी को पहुंचाया उनके मां बाप के पास ।। ट्रेनिंग खत्म होने के बाद आईपीएस चिराग जैन अपनी पोस्टिंग का वेट कर रहे थे इनकी यूपीएससी में रैंक 160 जो यूपीएससी में काफी अच्छी रिक होती है । तभी हफ्ते भर में पोस्टिंग लिस्ट आ जाती है तो पोस्टिंग लिस्ट को देख कर उनकी आंखें उम्मीद से भरी की शायद लखनऊ या वाराणसी मिलेगा लेकिन जब पोस्टिंग डिटेल आई तो उनकी आंखों में आंसू थे क्योंकि इनको ना ही लखनऊ मिलता है और ना ही वाराणसी इनको पहली पोस्टिंग मिलती है उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के घूरपुर थाने में उन्हें CO की पोस्टिंग दी जाती है। किसी आईपीएस को पहली पोस्टिंग एक जिले को संभालने के लिए नहीं मिलती । बल्कि एक थाने को संभालने के लिए दी जाती है। उत्तर प्रदेश के कुख्यात शहरों में घूरपुर का नाम आता है जब आईपीएस चिराग जैन घूरपुर पहुंचते हैं तो देखते हैं कि थाने में बस एक पुराना कमर एक टूटी कुर्सी चार जवान और एक लेडिस पुलिस कांस्टेबल । थाने में पहला दिन था जहां पर अधिकारी चिराग जैन सभी स्टाफ से उनका परिचय ले रहे थे और सभी से उनके बारे में पूछ रहे थे की बाहर से एक 40 साल की महिला और उसका पति कापते हुए थाने में घुसने की कोशिश कर रहे थे । लेकिन जो कांस्टेबल बाहर खड़े थे उनको थाने के अंदर घुसने नही दे रहे थे । और उनको सीधे थाने से भगा रहे थे नए आईपीएस की इंट्रोडक्शन मीटिंग अंदर चल रही थी लेकिन आईपीएस की नजर जब कमरे के परदे के बाहर पड़ती है और वह देखते हैं कि किसी कपल को थाने से बाहर भगाया जा रहा है तभी एक पुलिस उन्हें इंट्रोडक्शन देकर बाहर जाता है बाहर जाते हुए शख्स से आईपीएस चिराग जैन कहते हैं कि तिवारी जी जो बाहर कपल है उन्हें भगाया गया है वह अभी रास्ते में ही होंगे उन्हें जाकर बोलिए कि वह थाने में फिर से आए थोड़ी देर में वह लोग थाने में आ जाते हैं उस समय गर्मी अपने चरम पर थी लेकिन उसे औरत और उसके पति के आंखों से बहती आंसू तपती धूप से कहीं ज्यादा गर्म थे वे लोग आईपीएस के सामने आते ही कहते हैं कि सर मेरी बेटी को बचा लीजिए वह 17 मार्च 2022 से घर से गायब है कही उसके साथ कुछ अनहोनी ना हो गई हो इसका हम लोगों को बहुत डर है हम कहां नहीं गए किसी ने हमारी कोई मदद नहीं कि मुझे लगता है कि मेरी बेटी का अपहरण हो गया है या शायद उसे खत्म कर दिया गया है। आईपीएस साहब भी इसे सुनकर हैरान हो जाते हैं कि माता पिता ऐसा क्यों कह रहे हैं अपनी बेटी के बारे में कि उनकी बेटी को खत्म कर दिया गया है आईपीएस अफसर ने अपना सिर उठाया तो देखा कि महिला की आंखों में डर नहीं एक विनती थी उम्मीद की आखिरी किरण थी थाने का माहौल पल भर में बदल गया की को महिला पिछले तीन दिनों से आ रहे थी लेकिन किसी ने ना उसकी मदद की और ना ही कोई एफआईआर दर्ज की । बस यह बोलकर उसे भगा दिया गया था कि तुम्हारी बेटी या तो भाग गई है या खुदकुशी कर ली होगी जिससे महिला बहुत परेशान थी उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वो अब क्या करें कहा जाए । उनकी बेटी पिछले तीन दिन से गायब थी । मानो उस आईपीएस के रूप में आज उस महिला को भगवान ही मिल गया हो या भगवान ने ही अपना दूत बनाकर उस आईपीएस को उस थाने में भेजा हो इस आईपीएस ने पहली बार सिस्टम की वो सच्चाई देखी जहां लोग उम्मीद के साथ आते हैं और अक्सर निराश होकर लौटते हैं । आईपीएस साहब कुर्सी से उठते हैं और मां को पानी से भरा गिलास देते हैं और पानी पीने के लिए बोलते हैं और खुद ही केस की FIR लिखते हैं मानो उसी दिन तय हो गया था कि अब बेटी को सिर्फ ढूंढा ही नहीं जाएगा बल्कि वापस भी लाया जाएगा आईपीएस चिराग जैन ने उनसे लड़की की उम्र पूछी तो लड़की की उम्र उन्होंने 17 साल बताई कॉलेज में वह सेकंड ईयर की पढ़ाई कर रही है नाम पायल है 17 मार्च 2022 को घर से बाहर निकली थी और फिर वापस लौटकर अभी तक नहीं आई पहले दिन हमने सोचा कि शायद किसी सहेली के यहां गई होगी शाम तक आ जाएगी लेकिन वह लौटकर नहीं आई तो दूसरे दिन हम पुलिस स्टेशन आए लेकिन पुलिस स्टेशन पर किसी ने कुछ भी नहीं सुना तीसरे दिन रिश्तेदारों में खोजा गया लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला और उसका फोन लगातार बंद आता रहा । फिर भी बार-बार पुलिस स्टेशन आती रही पुलिस स्टेशन में उन्हें यह कहकर उन्हें वापस भेज दिया गया कि तुम्हारी बेटी किसी के साथ भाग गई होगी या आत्महत्या कर ली होगी । उसका सोशल मीडिया अकाउंट भी डीएक्टिवेट हो चुका था और अब हफ्ता भर गुजार चुका था आईपीएस चिराग जैन हर जगह खोजने की कोशिश की लेकिन कहीं भी कोई सुराग नहीं मिला मिल रहा था । सभी रिलेटिव और जानने वालों से पूछा गया तो एक ही जवाब आया मुझे उस लड़की के बारे में कुछ नहीं पता है लेकिन जिस लड़के का नाम उसे लड़की के मां-बाप बार-बार ले रहे थे उसका नाम था सुरजीत लड़की की मां कहती है उसी ने बहला फुसला कर साहब मेरी बेटी को भगा के ले गया होगा । तब से लड़के का नंबर भी बंद है उसके घर जाते हैं तो उसके घर वाले कहते हैं कि हमें उसके बारे में कुछ नहीं पता उसके पड़ोसियों से पूछो तब वह सब साफ मना कर देते है और कहते है हमें जानकारी नहीं है उसके दोस्तों से पूछो तो सब कहते हैं कि काफी दिनों से वह मिला नहीं है अब आईपीएस को यह पता चल गया था कि यह मामला सीधा नहीं है यह घर से भागने या नाराजगी का मामला नहीं है इसमें कोई छुप रहा है तो कोई छिपा रहा है और कोई झूठ बोल रहा है तो कोई सच और शायद पायल की जान भी अब खतरे में है । आईपीएस चिराग जैन का भी भी खून खौलने लगता है आईपीएस अपने सामने खड़े थाना इंचार्ज से कहते है की आज से यह केश मैं खुद देखूंगा और इंस्पेक्टर को बोलते हैं कि हर कॉल रिकॉर्ड निकलवाओ और सीसीटीवी खगालो और सबसे पहले सुरजीत के घर वालों को थाने लाव । लेकिन उस थाने के दो कांस्टेबल और इंचार्ज बोलते हैं कि सर इस मामले में ना पड़िए तो अच्छा ही है हो सकता है बड़े बड़े नेताओं के भी हाथ हो लेकिन आईपीएस किसी से डरते नहीं है उनके लिए ये केश अब एक मां की विनती ही नहीं बल्कि ये केश अब उस आईपीएस की परीक्षा भी थी । जिसके कंधे पर पहली बार वर्दी आई थी और पहली बार बड़ी जिम्मेदारी मिली थी जब सारे रास्ते बंद हो जाए तो इंसान वही करता है जो उसकी आखिरी उम्मीद बन जाए इस ips ने वही किया जो हम शायद किसी क्राइम शो में देखते है ips चिराग जैन ने सुरजीत की फेसबुक प्रोफाइल खोली चेक किया गया फ्रेंड्स कमेंट्स और पोस्ट फिर देखा जाता है एक तस्वीर जो 24 घंटे पहले डाली गई थी लड़का एक्टिव था लेकिन मोबाइल बंद इसका मतलब वो कही छुपा था तब आईपीएस चिराग जैन ने एक जाल बिछाया जहा से सुरजीत का बच पाना मुस्किल हो गया अब आईपीएस साहब फेसबुक पर एक फेक अकाउंट बनाते है एक लड़की के नाम पर नाम रखा गया कोमल और प्रोफाइल रखा गया जैसे कोई फिल्म की हिरोइन और फेसबुक की डिस्क्रेपेशन में लिखा गया just strie creem ।। प्रोफाइल बनने के एक दिन के भीतर ही 500 से ज्यादा फ्रेंड रिक्वेस्ट आ गई लेकिन आईपीएस का एक ही टारगेट था और वो था सुरजीत जो अभी तक इस जाल में नही फसा था । और फेसबुक के एल्गोरेडम में ऐसा है की अगर आप किसी को बार बार सर्च करते है तो आपके स्क्रीन पर सामने वाले की प्रोफाइल सजेस्ट में आने लगती है aad friend करने के लिए ।। और ऐसा ही कुछ होता है ips साहब के साथ ips साहब ने जिस कोमल की प्रोफाइल के id से सुरजीत को बार बार सर्च किया था । और उसी रात में सुरजीत का फ्रेंड रिक्वेट इस फेसबुक id पर आ जाता है । फ्रैंड रिक्वेस्ट करते हुवे कोमल ने मैसेज किया you look so handsome , it iss you , is फोटो में आप ही हो या किसी मॉडल की फोटो डाले हो सुरजीत टाइप करता है thanku फोटो में मैं ही हूं जी । अब इस तरह की प्यार वाली बाते आईपीएस साहब और सुरजीत के बीच में होने लगती है अब वो लड़का जो पुलिस से छिपा फिर रहा है अब वो आईपीएस चिराग जैन के कोमल वाली id की तारीफो में पूरी तरह पिघलता चला गाया ।। कोमल बोलती है की मेरे मम्मी पापा मेरे साथ ही रहते है इस लिए मैं तुमसे कम ही बात कर पाऊंगी । फिर सुरजीत कोमल से 2 दिन बात करने के बाद कोमल को डायरेक्ट वीडियो काल करता है तब कोमल कॉल कट करके एसएमएस करती है और कहती है की अभी पापा पास में है अभी 15 मिनट बाद पापा घर से जाते है तब कॉल करना । एफबी वीडियो कॉल कट करते ही ips ने झटपट पुलिस टीम को बुलाया । उसी थाने में तैनात महिला कॉन्स्टेबल कीर्ति गुप्ता को बोलते है की झट से अपनी वर्दी को चेंज करके सादी ड्रेस में आ जाओ और तुम कोमल बन कर सुरजीत से बात करो ठीक 20 मिनट बाद फिर से वीडियो काल आती है तब कीर्ति गुप्ता झट से कॉल उठा के कोमल बन कर बात करना शुरू किया सुरजीत कैमरे के सामने बाल ठीक करता है और मुस्कुराते हुवे बोलता है हाई कोमल उसे ये नही पता की ये कॉल उसकी आजादी का आखिरी पल था जैसे जी वीडियो कॉल स्टार्ट हुई वैसे ही कीर्ति गुप्ता ने वीडियो कॉल के 4 ,5 स्क्रीन शॉर्ट ले लिया उसके बाद वीडियो कॉल कट जाता है कॉल काटने के बाद आईपीएस साहब ने वीडियो कॉल के स्क्रीन शॉर्ट को देखा तो उसमे पीछे एक बड़ी बिल्डिंग दिखाई पड़ती है जूम किया गया तब पता चला कि ये बिल्डिंग नवी मुंबई का होटल फॉर्च्यून है अब ये तय हो गया था की सुरजीत यूपी में नही बल्कि नवी मुंबई में है और शायद लड़की भी वही है आईपीएस ने तुरंत मुंबई पुलिस से संपर्क किया और होटल का रिकॉर्ड निकाला गया । कमरा नंबर 203 सुरजीत के नाम पर बुक था रेड की योजना बनी आईपीएस साहब महिला कांस्टेबल कीर्ति गुप्ता और 3 पुलिस अधिकारियों के साथ उस होटल में घुसते है इस कमरे में जाते है तो देखते है वही कमरे में एक कोने में पायल बैठी थी पायल जिंदा थी लेकिन टूटी हुई थी । उसके होठ कॉप रहे थे वो यही बोल रही थी सर मुझे घर ले चलिए । ऐसा बताया जाता है की सुरजीत लड़कियों को बहला फुसला कर लड़कियों को मुंबई लता है और यह उससे वो गैर कानूनी काम करवाता है और वो इस काम से मोटे पैसे कमाता है लेकिन अभी इसकी पुष्टि होना बाकी था । लेकिन जैसे ही ये खबर बाहर आई पूरे सोशल मीडिया पर एक ही नाम गूजा हीरो आईपीएस लोग कहने लगे की ये रियल शिघम है अगर ऐसे अफसर हो तो बेटी सुरक्षित है। दूसरे अफसरों की तरह उस आईपीएस ने कोई गोली नही चलाई नही तप्पड़ मारा बस इंसानियत और तकनीक से केश सुलझाया । उस आईपीएस अफसर का नाम शायद इतिहास मे दर्ज न हो लेकिन उस लड़की और उस मां के लिए वो जिंदगी भर हीरो ही रहेंगे।।



