Deoria news:बरहज में अमर शहीद राम प्रसाद बिस्मिल को भावपूर्ण श्रद्धांजलि संगोष्ठी में गूंजे राष्ट्रभक्ति के स्वर

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*बरहज में अमर शहीद रामप्रसाद बिस्मिल को भावपूर्ण श्रद्धांजलि, संगोष्ठी में गूंजे राष्ट्रभक्ति के स्वर*
*भारतीय चेतना के प्रतीक थे पं.रामप्रसाद बिस्मिल – आंजनेय दास*

*आध्यात्म और राष्ट्रभक्ति के समन्वित रुप से पं.बिस्मिल – श्वेता जायसवाल*
देवरिया । अमर शहीद पं. रामप्रसाद बिस्मिल जी के बलिदान दिवस के अवसर पर शुक्रवार को अनन्त पीठ परमहंसाश्रम, बरहज में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में देशभक्ति, त्याग और राष्ट्रनिर्माण के मूल्यों पर विस्तार से विमर्श हुआ। कार्यक्रम में संतों, विद्वानों, साहित्यकारों एवं गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति ने आयोजन को गरिमामय बना दिया।
संगोष्ठी को अनंत पीठ परमहंसाश्रम बरहज के पीठाधीश्वर आंजनेय दास महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि पं. रामप्रसाद बिस्मिल केवल एक क्रांतिकारी नहीं, बल्कि भारतीय चेतना के प्रतीक थे। बिस्मिल जी का जीवन हमें यह सिखाता है कि राष्ट्र के लिए किया गया त्याग कभी व्यर्थ नहीं जाता। आज की पीढ़ी को उनके विचारों से प्रेरणा लेकर राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखना चाहिए। नगरपालिका बरहज की अध्यक्ष श्वेता जायसवाल ने कहा कि आध्यात्म और राष्ट्रभक्ति एक-दूसरे के पूरक हैं, और जब दोनों का समन्वय होता है, तब समाज सशक्त बनता है।
विशिष्ट वक्ता डॉ. ओ.पी. शुक्ला ने अपने संबोधन में स्वतंत्रता संग्राम के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में पं. रामप्रसाद बिस्मिल के योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि काकोरी कांड केवल एक घटना नहीं, बल्कि ब्रिटिश सत्ता की नींव को चुनौती देने वाला साहसिक कदम था। बिस्मिल जी की वैचारिक दृढ़ता, साहित्यिक प्रतिभा और बलिदान भावना को आज के समय में अत्यंत प्रासंगिक बताया।
कार्यक्रम में भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष पं. अनिरुद्ध मिश्र ने अपना विशिष्ट उद्बोधन देते हुए कहा कि अमर शहीदों का स्मरण केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी है। बी.आर.डी.बी.डी.पी.जी.कालेज आश्रम बरहज के राजनीति विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.अरविन्द पाण्डेय ने कहा कि पं. रामप्रसाद बिस्मिल जैसे क्रांतिकारियों के आदर्श आज के युवाओं को सही दिशा देने का कार्य करते हैं। डॉ. पाण्डेय ने शिक्षा, संस्कृति और राष्ट्रवाद के समन्वय पर बल देते हुए कहा कि यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी। संगोष्ठी को अमित जायसवाल, अभय पांडेय, कुमार शंकर मौर्य, अभय पाण्डेय, रमेश तिवारी अंजान, विनय मिश्र ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम की शुरुआत संस्कृत महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य कृष्ण मुरारी तिवारी ने मंगलाचरण द्वारा किया। सभी ने बिस्मिल जी के समाधि पर माल्यार्पण एवं पुष्पार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया। इस दौरान प्रदीप कुमार शुक्ला, अनमोल मिश्र, श्रृष्टि मिश्रा, शिवानी मिश्रा, सोनम कुशवाहा नथुनी प्रसाद, रतन वर्मा, गोविंद जायसवाल, राजेश जायसवाल ,आकाश जायसवाल, रामचंद्र यादव, संतोष सिंह गहमरी, प्रदीप शुक्ला सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
संगोष्ठी के दौरान वक्ताओं ने बिस्मिल जी के काव्य, उनके क्रांतिकारी विचारों और राष्ट्र के प्रति उनके अविस्मरणीय योगदान पर प्रकाश डाला। अंत में उपस्थित जनसमूह ने अमर शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान एवं भारत माता की जय के उद्घोष के साथ हुआ।

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