देवरिया:मोती बीए की 15वीं पुण्यतिथि मनाई गई
पांच विशिष्ट कवियों को मोती बीए सम्मान से विभूषित किया गया।
बरहज,देवरिया। कस्बा मौजूद मोती बीए के निवास स्थान पर गुरुवार को उनकी 15वीं पुण्य तिथि मनाई गई । कार्यक्रम का प्रारंभ श्री मोती बीए के चित्र पर दीप प्रज्वलित कर और पुष्पांजलि अर्पित कर प्रारंभ किया ।मुख्य अतिथि प्रोफेसर अजय कुमार मिश्र ने बताया कि मोती बीए की पुस्तकों पर अभी और कार्य करने बाकी है । उनकी रचनाएं अभी काफी शेष हैं, उन्हें संग्रहित करने की आवश्यकता है। मुजफ्फर हुसैन मंसूरी ने अपनी रचना पढ़ी, “मैंने तो अपना ही दिया, क्या तुम्हारा ले लिया, मैंने तो पंक्तियां पढ़ी, दर्द सर ले लिया।” अध्यक्षता करते हुए कवि डॉ संकर्षण मिश्र ने मोती बीए की याद में कविता पढ़ी, “अपनी आंखों के हम दुलारे हैं, मेरे संग बजते मेरे दिल के सितारे हैं।” राकेश श्रीवास्तव ने मोती बीए का संपदा के प्रति योगदान का वर्णन किया और बताया की कि मोती बीए ने साहित्य को बचाने के उद्देश्य से संपदा को स्थापित किया था। भालचंद्र उपाध्याय ने अपनी रचना सुनाई, “सांसों के सुर पर, बिरहा की धुन पर, मन के सवाल पर, धड़कन की ताल पर, हम गुनगुनाते रहे, तुम याद आते रहे।” संचालन अंजनी कुमार उपाध्याय ने किया,कार्यक्रम में मुजफ्फर हुसैन मंसूरी, डॉक्टर इस्पाक अली, कवि शिव बाबू मिश्र, संपदा संपादक राकेश श्रीवास्तव, कवि रविशंकर शुक्ल को मोतीलाल वेलफेयर सेवा ट्रस्ट द्वारा मोती बीए के नाम से सम्मान और प्रशस्ति पत्र दिया गया। कार्यक्रम में आए हुए सभी आगंतुकों को अंग वस्त्र से और मोती बीए के कार्यक्रम में शिरकत करने और अपने विचार व्यक्त करने की लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया । कार्यक्रम में मोती बीए की 13 पुस्तकों का नेट संस्करण का विमोचन किया गया। जिनमें लाहौर की नहर, भोजपुरी सानेट, मधुतृष्णा, कालिदास कृत मेघदूत का भोजपुरी पद्यानुवाद, रावी से राजघाट, ब्यूटी इन वेल, यौमे आजादी, कवि भावना मानव, मोती के मुक्तक, बादलिका, जूनियर हाई स्कूल पोएट्री का हिंदी पद्यानुवाद, गति के चरण और इसके साथ मोती बीए की पुत्री डॉक्टर शारदा त्रिपाठी की पुस्तक “आस का दिया” इत्यादि प्रमुख रहे।कार्यक्रम में बीके सर, भगवान उपाध्याय, प्रेम शंकर तिवारी, घनश्याम मिश्र, बाबूराम प्रजापति, शंभू दयाल भारती, फैजान अंसारी, जीशान अंसारी, ऋतिक गिरी इत्यादि मौजूद रहे।
संवाददाता
बरहज, देवरिया।