‘नैतिकता के आधार पर उन्हें प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहिए’, पीएम मोदी पर उदित राज का बयान
‘He should not become Prime Minister on moral grounds’, Udit Raj’s statement on PM Modi
नई दिल्ली, 7 जून : नरेंद्र मोदी को एनडीए संसदीय दल का नेता चुने जाने पर कांग्रेस नेता उदित राज की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा है कि नैतिकता के आधार पर उन्हें प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहिए।
उदित राज ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “नैतिकता के आधार पर नरेंद्र मोदी को तो प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहिए। बीजेपी से ही अगर किसी को प्रधानमंत्री बनाना है, तो आठ लाख वोटों से शिवराज सिंह चौहान चुनाव जीते हैं। अमित शाह भी लगभग सात लाख वोटों से जीते हैं। वैसे तो बीजेपी ने चुनाव में नरेंद्र मोदी को मुख्य चेहरा बनाया था, लेकिन वो हारते-हारते बच गए।“
इसके अलावा, उदित राज ने नीतीश कुमार पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार अपनी पार्टी को बचाने के लिए आरजेडी के पास गए थे। दूसरी बात यह है कि आरजेडी कभी बड़ी पार्टी हुआ करती थी, लेकिन बीजेपी ने उसे छोटा दल बना दिया और ऐसा ही अकाली दल के साथ किया गया।
इन लोगों ने अकाली दल को नेस्तनाबूद कर दिया। शिवसेना को दो फाड़ कर दिया। मुझे लगता है कि चंद्रबाबू नायडू को भी होशियार रहना चाहिए। यह जिससे समझौता करते हैं, उसी को खत्म करते हैं। लेकिन बीजेपी पहले जैसे तेवर नहीं दिखा सकती, क्योंकि लोकतंत्र में जब किसी को एक दफा खारिज किया जाता है, तो वो खारिज ही होता रहता है।“
इसके साथ ही उदित राज ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “इस बात में कोई संशय नहीं है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकप्रियता बढ़ी है। राहुल गांधी के पास समर्थन ज्यादा है।
वो जनमानस से सरोकार रखने वाले मुद्दों को उठाते हैं। वो गरीबी, संविधान और शासन प्रणाली से जुड़े मुद्दे उठाते हैं। आप देख सकते हैं कि भारतीय राजनीति में उनकी विश्वसनीयता बढ़ी है। इस लिहाज से देखा जाए तो सबसे ज्यादा कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकप्रियता है। मुझे लगता है कि आज जहां बीजेपी खड़ी है, वहां कांग्रेस खड़ी हो सकती थी, लेकिन कांग्रेस के पास संगठन नहीं है। संगठन में मीडिया, ब्यूरोक्रेसी सब कुछ आ जाते हैं।“
इसके अलावा उदित राज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस मुक्त भारत करने चले थे, लेकिन बीजेपी मुक्त भारत होने के कगार पर आ चुकी है। मुझे यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि यह एक तरह से समझौते की सरकार है।“