मध्य प्रदेश में त्योहारों के मौसम में दूषित मावे की आपूर्ति को रोकना बड़ी चुनौती

Preventing the supply of contaminated mawa during the festive season in Madhya Pradesh is a big challenge

भोपाल, 11 जुलाई: मध्य प्रदेश में त्योहारों का मौसम करीब आते ही हर साल छोटे शहरों से बड़े शहरों में दूषित मावे की आपूर्ति बढ़ जाती है। इस बार भी ऐसा होगा, इसके संकेत अभी से मिलने लगे हैं। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग के अधिकारी चौकस हो गए हैं, मगर इसे रोकना एक बड़ी चुनौती है।

राज्य का ग्वालियर-चंबल अंचल वह इलाका है जहां से प्रदेश के बड़े शहर ही नहीं देश के कई इलाकों में मावा की आपूर्ति होती है। शादी समारोहों का सिलसिला शुरू हो चुका है, वहीं स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन का पर्व कुछ दूर है, इसके साथ ही मावे की आपूर्ति भी शुरू हो चुकी है।

आने वाले समय में यह क्रम और तेजी से बढ़ने की संभावना है। इसी के चलते खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की कार्रवाइयां भी बढ़ने लगी हैं।

दूषित मावे की आपूर्ति की मिल रही सूचनाओं के बीच खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग को ग्वालियर से भोपाल मावा आने की सूचना मिली। इस सूचना के आधार पर भोपाल रेलवे स्टेशन पर आए मावा को जब्त कर लिया गया, मगर जो दो लोग मावा लेकर आए थे, वे रफूचक्कर हो गए।

रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग 36 क्विंटल मावा जब्त किया गया है, जिसकी कीमत आठ लाख रुपए आंकी गई है। इस मावे के सैंपल को जांच के लिए लेबोरेटरी भेजा जाएगा। उसके बाद ही इस बात का खुलासा हो सकेगा कि यह मावा ठीक था अथवा दूषित।

जानकारों का कहना है कि राज्य में दूषित मावा की आपूर्ति को रोकना सरकारी अमले के लिए आसान नहीं होता, क्योंकि राज्य के अलग-अलग हिस्सों से यह मावा ट्रेन के जरिए या सड़क मार्ग के जरिए पहुंचता है। विभाग को या पुलिस अमले को जब किसी मुखबिर से सूचना मिलती है तभी कार्रवाई हो पाती है। इस बार देखना होगा कि प्रशासन दूषित मावे की आपूर्ति को कैसे रोकता है।

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