जर्जर अशोका होटल जमिंदोज करने के नाम पर ४० लाख का घपला

40 lakhs in the name of making the shabby Ashoka Hotel Zamindos

हिंद एकता टाइम्स भिवंडी

रवि तिवारी

भिवंडी -भिवंडी शहर निजामपुर महानगरपालिका प्रभाग समिति क्रमांक २ के अंतर्गत जर्जर इइमारतों को तोड़ने के लिए की जाने वाली कार्यवाई के दौरान कल्याण रोड स्थित जर्जर हुई अशोका होटल को जमिंदोज करने के दौरान लगभग ४० लाख रुपये के घोटाले का सनसनी खेज मामला प्रकाश मे आया है। इस मामले में मनपा के शहर विकास विभाग के अधिकारियों पर गंभीर आरोप है। उन्होंने यह राशि राजस्व में जमा ना करते हुए आपस मे बाट लिया है। जिससे पालिका को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है।
प्रभाग समिति क्रमांक २ के सहायक आयुक्त ने अशोका होटल के मालिक, कौलचंद्र हस्तींमल जोगाणी, को इमारत की खस्ता हालत को देखते हुए स्वयं के खर्चे से इसे ध्वस्त करने का आदेश दिया था। चेतावनी दी गई थी कि यदि आदेश का पालन नहीं किया गया तो पालिका अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। जानकारी के अनुसार, पालिका प्रशासन ने इमारत को ध्वस्त करने के लिए एक बिल्डर से लाखों रुपये की कथित “सुपारी” ली। कार्रवाई जल्दी पूरी करने के लिए दबाव बनाया गया। क्योंकि इस इमारत में दो बैंकों की शाखाएँ भी थी। जो इमारत खाली करने के लिए समय मांग रही थीं। पालिका के निजी मूल्यांकन इंजीनियर नरेद्र पाटल से इमारत का मूल्यांकन करवाने के बाद ठेका इंसान अहमद खुशरजा खान, मालिक मैसर्स सहारा ट्रेडर्स को दिया गया। ठेकेदार को इमारत ध्वस्त करने के लिए ४ लाख १४ हजार रुपये राजस्व खाते में जमा करने थे। आरोप है कि न केवल यह रकम जमा नहीं की गई, बल्कि इमारत के खिड़की-दरवाजे और लोहे की जालियां भी बेच दी गईं। सूत्रों के अनुसार, इंसान खान पर पहले से २५ से ३० इमारतों को ध्वस्त करने के मामलों में लाखों रुपये की बकाया राशि है। दावा किया जा रहा है कि इस ठेकेदार के ऊपर ५० से ६० लाख रुपये का पालिका राजस्व अभी भी बकाया है। इसके अलावा, एक पुराने ठेकेदार पर भी १३ लाख रुपये का बकाया दर्ज है।
विशेष सूत्र बताते हैं कि निजी मूल्यांकन इंजीनियर नरेद्र पाटिल को प्रति इमारत मूल्यांकन के लिए पालिका से ७ जर,५०० रुपये का भुगतान किया जाता है। आरोप है कि भ्रष्ट अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से पाटिल को १५ हजार रुपये अतिरिक्त दिए जाते हैं। ताकि इमारतों का जानबूझकर कम मूल्यांकन दिखाया जा सके। इस खेल से पालिका के राजस्व को भारी नुकसान हो रहा है। अशोका होटल की इमारत ध्वस्त करने में ४० लाख रुपये के घोटाले की गंभीरता को देखते हुए पालिका प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं। अधिकारियों और ठेकेदार की भूमिका की गहनता से पड़ताल की जा रही है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है।

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