नीट की परीक्षा दोबारा होनी चाहिए : सुरेंद्र राजपूत

NEET exam should be repeated: Surendra Rajput

नई दिल्ली, 15 जून । नीट परीक्षा में धांधली के विरोध में छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। देशभर में इसको लेकर छात्रों का प्रदर्शन जारी है। वहीं यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था जहां इसको लेकर अदालत की तरफ से फैसला भी आ गया है। लेकिन, अभी भी छात्रों द्वारा इसको लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है। जबकि छात्रों के एक वर्ग की मुलाकात इस मामले को लेकर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से भी हो चुकी है।

 

 

 

 

 

वहीं इस पूरे मामले में सियासत भी तेज है। इस पूरे मामले को लेकर आईएएनएस के साथ बातचीत करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने केंद्र सरकार को अपने निशाने पर लिया।

 

 

 

 

 

 

कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि नीट की परीक्षा दोबारा होनी चाहिए। जिस तरह शिक्षा माफिया सरकारी तंत्रों के साथ मिलकर काम कर रहा है उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। धर्मेंद्र प्रधान अगर इस पर सिर्फ सफाई देते हैं तो वो पाप के भागीदारी बनेंगे। राजपूत ने आगे कहा कि बीजेपी और संघ की सत्ता की लूट की लड़ाई और सरकारी संसाधनों पर अपने लोगों को बिठाने की लड़ाई है। जबकि भारतीय जनता पार्टी कह चुकी है कि उसे संघ की आवश्यकता नहीं है।

 

 

 

 

 

 

कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने आईएएनएस से स्पष्ट कहा कि नीट की परीक्षा दोबारा से होनी चाहिए, क्योंकि यह देश के भविष्य का सवाल है, देश के भविष्य के डॉक्टरों का सवाल है, डॉक्टरों की योग्यता का सवाल है। उन्होंने कहा कि धर्मेंद्र प्रधान खुद नहीं चाहेंगे कि उनका इलाज या उनके बच्चे या परिवार के किसी व्यक्ति का इलाज किसी अयोग्य डॉक्टर के द्वारा हो। जिस तरह से शिक्षा माफिया, कोचिंग माफिया सरकार के सहयोगियों के साथ या सरकार के तंत्र के साथ मिलकर अयोग्य लोगों को इस परीक्षा में पास कराने का काम कर रहे हैं। उसको लेकर सरकार को गंभीर भी होना चाहिए और धर्मेंद्र प्रधान को जिम्मेदारी भी लेनी चाहिए।

 

 

 

 

 

उन्होंने आगे संघ और भाजपा के बीच सबकुछ ठीक नहीं होने के सवाल पर कहा की यह संघ और भाजपा के बीच बंदरबांट की लड़ाई है। सत्ता को हाथ से जाता देखकर अब ये सत्ता के सारे संसाधनों पर कब्जे की और लूट की लड़ाई है। कहीं ना कही सरकारी संस्थानों में अपने लोगों को बैठाने की लड़ाई है। दरअसल इस तरह से लोकतंत्र हार रहा, संविधान हार रहा है। संघ को चाहिए की अपनी बात स्पष्ट करे क्योंकि भारतीय जनता पार्टी ने तो स्पष्ट कर दिया है कि उसे संघ की कोई आवश्यकता नहीं है।

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