बेबी केयर अस्पताल ने किया था ऑक्सीजन सिलेंडर स्टोरेज के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन

Baby Care Hospital had violated oxygen cylinder storage guidelines

नई दिल्ली, 29 मई : दिल्ली के बेबी केयर न्यू बॉर्न चाइल्ड अस्पताल ने ऑक्सीजन सिलेंडर के स्टोरेज पर गृह मंत्रालय (एमएचए) के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया था। हाल ही में इस अस्पताल में आग लगने से सात नवजात शिशुओं की मौत हो गई थी।

 

 

 

 

दिल्ली पुलिस ने घटना के संबंध में अस्पताल के मालिक और ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया है। मालिक की पहचान पश्चिम विहार के भेरा एनक्लेव निवासी नवीन किची के रूप में हुई है। जबकि डॉक्टर की पहचान हरियाणा के चरखी दादरी जिले के निवासी डॉ. आकाश (26) के रूप में हुई है। आकाश ने बीएएमएस किया है।

 

 

 

 

23 अप्रैल 2021 के गृह मंत्रालय के सर्कुलर के अनुसार, ऑक्सीजन को ज्वलनशील और दहनशील पदार्थों से कम से कम 20 फीट की दूरी पर रखा जाना चाहिए। इसके अलावा, ‘नो स्मोकिंग’ और ‘नो ओपन फ्लेम’ के संकेत लगाए जाने चाहिए।

 

 

 

 

 

लिक्विड पदार्थ से भरे कंटेनरों को लंबे समय तक वातावरण में खुला नहीं छोड़ना चाहिए। जब उपयोग में न हों तो सभी वाल्व बंद रखें और आउटलेट कैप को अपनी जगह पर रखें। प्रतिबंध और रुकावटों के कारण खतरनाक ओवर-प्रेशराइजेशन हो सकता है। उचित निर्देशों के बिना प्रतिबंध को हटाने का प्रयास न करें। यदि संभव हो तो सिलेंडर को किसी दूसरे स्थान पर ले जाएं।

 

 

 

 

आधिकारिक सूत्रों ने बताया, “सिलेंडरों को उस स्थान से 20 फीट से भी कम दूरी पर रखा गया था, जहां शिशुओं को भर्ती किया गया था।”

 

 

 

 

दिल्ली सरकार स्वास्थ्य सेवा (डीजीएचएस) से बेबी केयर न्यू बॉर्न चाइल्ड अस्पताल को जारी किया गया लाइसेंस 31 मार्च को ही समाप्त हो चुका था। अस्पताल के डॉक्टर नियोनेटल इंटेंसिव केयर में शिशुओं का इलाज करने के लिए योग्य नहीं थे। डॉक्टर केवल बीएएमएस डिग्री धारक हैं।

 

 

 

 

शाहदरा के डीसीपी सुरेंद्र चौधरी ने पहले बताया था, “26 मई को रात करीब 11.30 बजे विवेक विहार थाने को बेबी केयर न्यूबॉर्न अस्पताल में आग लगने की सूचना पुलिस नियंत्रण कक्ष (पीसीआर) से मिली थी। इसके बाद पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची। टीम ने देखा कि आग ने अस्पताल और उसके आस-पास की इमारत को अपनी चपेट में ले लिया है।”

 

 

 

 

डीसीपी ने आगे कहा कि अस्पताल में 12 नवजात शिशु भर्ती थे और आग लगने से पहले ही एक की मौत हो चुकी थी। उसके बाद आग लगने से 12 में से छह नवजात शिशुओं की मौत हो गई।

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