Azamgarh news:माता शीतला मंदिर पर दुर्गा मां के सातवें स्वरूप के दर्शन के लिए उमड़ी श्रद्धाओं की भारी भीड़

A huge crowd of devotees thronged the Mata Sheetala temple to have a darshan of the seventh form of Goddess Durga

प्रेम प्रकाश दुबे की रिपोर्ट

निजामाबाद/आजमगढ़।निजामाबाद के भैरोपुर कला ग्राम सभा में स्थित शक्तिपीठ माता शीतला मंदिर पर नवरात्रि के 7वें दिन श्रद्धालुओं की अपार भीड़ माता के सातवें स्वरूप कालरात्रि के दर्शन के लिए उमड़ पड़ी थी।सुबह से ही भक्तगण दो पहिया ,चार पहिया वाहनों से माता के दरबार में दर्शन के लिए आ रहे थे।श्रद्धालुओं को दर्शन में कोई असुविधा न हो इसलिए पुलिस के जवान गाड़ियों को मंदिर परिसर के बाहर ही रुकवा कर पैदल ही मंदिर परिसर में जाने दे रहे थे। भक्तगण मंदिर परिसर में लाइनों में लगकर माता के दर्शन के इंतजार में खड़े होकर अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे थे और अपनी बारी आने पर माता के दरबार में जाकर नारियल,चुनरी,कपूर,अगरबत्ती आदि माता को चढ़ाकर उनके चरणों में शीश झुकाकर अपने और अपने परिवार के लिए सुख समृद्धि की कामना कर रहे थे।कहा जाता है कि इस मंदिर पर मांगी हुई हर मुराद माता पूरी करती है इसीलिए इस मंदिर से लोगों की घोर आस्थाएं जुड़ी हुई है।नवरात्रि के सातवें दिन को महासप्तमी भी कहा जाता है। नवरात्रि के 7वें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। देवी कालरात्रि को मां दुर्गा के नौ अवतारों में बहुत ही क्रोधी देवी माना जाता है क्योंकि जब-जब धरती पर पाप बढ़ जाता है, तो देवी कालरात्रि का अवतार लेकर पापियों का संहार करने के लिए आती हैं। देवी कालरात्रि को अंधकार की देवी भी कहा जाता है लेकिन देवी कालरात्रि केवल दुष्टों का ही संहार करती हैं। अपने भक्तों और अच्छे मनुष्यों पर देवी कालरात्रि की कृपा हमेशा बनी रहती है। जो भी भक्त देवी कालरात्रि की पूजा करता है, उसे अकाल मृत्यु का खतरा नहीं रहता।नवरात्रि का सातवां दिन कालरात्रि माता को समर्पित होता है। ‘कालरात्रि’ नाम का अर्थ है ‘अंधेरी रात’। कालरात्रि क्रोध में विकराल रूप धारण कर लेती हैं। काले रंग और बिखरे बालों के साथ, वह अंधकार का प्रतिनिधित्व करती हैं। उनके गले में एक चमकदार मुंड माला है, जो बिजली जैसी दिखती है। कालरात्रि सभी बुरी शक्तियों का नाश करती हैं और अपने भक्तों की रक्षा करती हैं। वह अंधकार में विकराल रूप जरूर धारण करती है लेकिन उनके आगमन से दुष्टों का विनाश होता है और चारों ओर प्रकाश हो जाता है। मां कालरात्रि को देवी काली का रूप भी माना जाता है। देवी कालरात्रि पापियों का संहार करके उनका लहू पीती हैं।मंदिर पर सुरक्षा की दृष्टि कोण से प्रशासन की तरफ से सुबह से ही उपनिरीक्षक कमला पटेल,हे0का0अरविंद यादव,म0उप0 सानिया गुप्ता,म0का0आकांक्षा तिवारी,रुचि तिवारी,सुमन सिंह,संध्या सिंह आदि लोग सुरक्षा में तैनात रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button