नहाय-खाय के साथ लोक आस्था का पर्व चैती छठ रविवार को रसड़ा में धूमधाम से मनाया गया।
रिपोर्ट अजीत कुमार सिंह बिट्टू जी
रसड़ा नहाय-खाय के साथ लोक आस्था का पर्व चैती छठ रविवार को रसड़ा में धूमधाम से मनाया गया। रसड़ा क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में सरोवरों के तटों पर व्रती महिलाओं ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया। बता दें कि चैती छठ का त्योहार बिहार और पूर्वांचल इलाके में काफी उत्साह से मनाया जाता है। इन इलाकों से बाहर गए लोग अपने-अपने शहरों में इस महापर्व को धूमधाम से मना रहे हैं।संतान के कल्याण और दीर्घायु के लिए होता है व्रत छठ व्रती महिलाओं ने रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दी और सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करेंगीं। इसके साथ ही चार दिवसीय महापर्व संपन्न हो जाएगा। धार्मिक मान्यता है कि छठ पूजा करने से परिवार का कल्याण होता है। यह महापर्व संतान सुख और संतान के दीर्घायु और घर-परिवार में सुख-समृद्धि और खुशहाली के लिए किया जाता है। व्रती परंपरागत मिट्टी और ईंट से बने चूल्हे पर आम की लकड़ी जलाकर प्रसाद बनाती हैं। साथ ही अरवा चावल, गंगा जल और गुड़ से बनी खीर, रोटी आदि का प्रसाद बनाया जाता है।