प्रदेश राज्यपुरस्कार प्राप्तशिक्षक डा रामबिलासभारती ने शिक्षा से वंचित बच्चो के बीच पहुँच कर उनको किया जागरूक, दी पुस्तके

State award winning teacher Dr. Rambilas Bharti reached out to the children deprived of education and made them aware and gave them books

रिपोर्ट: अशोकश्रीवास्तव ब्यूरोप्रमुख

घोसी मऊ।
घोसी-। जूनियर हाई स्कूल धरौली के प्रधानाध्यापक डा रामबिलास भारती ने शिक्षा से बंचित चल रहे एवं बाल श्रम मे लगे बच्चो को शिक्षा के प्रति रुचि पैदा करने के अपने उद्देश्य के तहत सोमवार को क्षेत्र के ईट भठ्ठों पर माता पिता के साथ रह रहे बच्चो के बीच पहुँच कर उनको जागरूक करने के साथ उनको शिक्षात होने के सपने को जगाया। माता पिता से कहा कि सरकार द्वारा विद्यालयों में मिल रही सुविधाओं का लाभ उठा कर बच्चो को शिक्षित करे।
सपने सिर्फ उनके नहीं होते जिनके पास सब कुछ होता है, बल्कि सपने उनके भी होते हैं जिनके पास कुछ भी नहीं होता है। फर्क इतना है कि इन वंचितों के सपने रोटी तक सीमित है। इनके बच्चों के तो मानो सपने ही छीन गए गई। ऐसे लोगों की ज़िंदगी ईंट भट्टे पर काम करते हुए दो वक्त की रोटी की तलाश में ही बीत जाती हैं। तो वहीं इनके बच्चों की मुस्कराहट तपती धूप और धूल में धूमिल हो जाती है। इनके धूल को साफ करने
शिक्षा से वंचित बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने की दिशा में ब्लॉक घोसी के पूर्व माध्यमिक विद्यालय धरौली के प्रधानाध्यापक गोल्ड मेडलिस्ट एवं राज्य अध्यापक पुरस्कार प्राप्त शिक्षक व समाजसेवी डॉ.रामविलास भारती इनके बीच जाकर इनके सुख दुःख जानने के साथ उनको शिक्षा के प्रति लगाव उत्पन्न करने के साथ उन बच्चों को पुस्तके, कॉपी, पेन व खाने योग्य सामग्री देकर शिक्षा के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया। प्रधानाध्यापक डा भारती द्वारा इन बच्चों को स्वम के प्रयास से पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराते हुए विद्यालय में नामांकन कराने को लेकर प्रेरित किया गया। डॉ.रामविलास भारती ने संवाद कर इन श्रमिकों से इनके बच्चों के विद्यालय न जाने का कारण पूछा तो इन गरीब, वंचित लोगों द्वारा बताया गया कि “गरीबता, जीव का नाश, हम रोटी जुटाएं या बच्चों को पढ़ाए। ऐसे में डॉ. रामविलास भारती ने उन्हें बताया कि आर.टी.ई.अधिनियम के अनुसार चौदह वर्ष तक के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा का अधिकार है। बच्चों को पढ़ने, खेलने और सुरक्षा का अधिकार है। ऐसे में इन बच्चों से काम करवाना कानूनन अपराध है। इसलिए बच्चों को अवश्य पढ़ाएं।
डॉ. रामविलास भारती ने इन ईंट भट्टे पर काम करने वाले सभी श्रमिकों से बात चित किया और बच्चों को पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराया। और समय-समय पर आकर उनको पढ़ाने की बात भी कही।
आस पास के लोगो से अपील किया कि समाज का हर व्यक्ति खासकर नौकरी करने वाले लोग अपने हिस्से का योगदान करना सुनिश्चित कर ले तो बेहतर शिक्षा एवं समाज का निर्माण करने से कोई नहीं रोक सकता है। गरीब, वंचित समाज भी हमारे समाज का ही हिस्सा है इसे मुख्य धारा से जोड़कर ही समता, स्वतंत्रता, बंधुत्व, न्याय, वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानवता जैसे आदर्शवादी विचारधारा को मजबूती देकर इसे साकार रूप दे सकते हैं।

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