सरकारी दस्तावेज में हेरा फेरी, नहीं हो सकी आरोपियों की गिरफ्तारी

There was tampering in government documents, the accused could not be arrested

जबलपुर जिले में सरकारी दस्तावेजों से हेर फेर कर एक बड़े फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया गया है। सबसे खास बात यह है कि लंबे समय से हुए इस फर्जीवाड़ा को अब तक कोई नहीं पकड़ पाया और इसकी आड़ में अपात्र व्यक्ति भी मजे से सरकारी नौकरी का लुफ्त उठाता रहा। खैर जैसे ही इस बात की जानकारी विभागीय अधिकारियों को लगी सारे फर्जीवाड़ा का भंडाफोड़ हो गया। थाना प्रभारी मानव द्विवेदी ने बताया कि जबलपुर जिले में फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी कर रहे 5 शासकीय कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.। इसके लिए बाकायदा रांझी कार्यालय सहायक ग्रेड 3 ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसके आधार पर पांच कर्मचारियों मुकेश बर्मन, दिलीप कुमार, सूरज सिंह, अर्चना दहिया और अंकित अग्रवाल खिलाफ शासन के साथ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है. इन कर्मचारियों ने 2022-2023 में फर्जी जाति प्रमाण पत्र का इस्तेमाल कर नौकरी पाई थी. कर्मचारियों के खिलाफ मिली शिकायतों के बाद उनकी दस्तावेजों की जांच की गई, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है. फिलहाल, अधिकारी मामले की जांच में जुटे हुए हैं । बताया जा रहा है कि अगर जांच में आरोप सही साबित होते हैं, तो इन कर्मचारियों को कानून के तहत सजा हो सकती है. इसके अलावा सरकारी नौकरी से हटाने के साथ-साथ सैलरी की वसूली भी हो सकती है।

जबलपुर से वाजिद खान की रिपोर्ट

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