जश्ने इमाम हुसैन के जन्म दिन पर मनाई गई ख़ुशी* रिपोर्ट:अशोक श्रीवास्तव।घोसी।मऊ। घोसी(मऊ)। घोसीनगर के बड़ागाँव में मंगलवार की रात में अज़ाखाने अबूतालिब व निमतले सहन में एक महफिले मुकासेदा का आयोजन किया गया। महफिले मुकासेदा पैग़म्बर मुहम्मद के नवासे अली के लाल फ़ातेमा के लख्ते जिगर हजरत इमाम हुसैन अ: के जन्म दिन पर आयोजित किया गया। मौलानाओं ने दुआखानी के बाद कहा हुसैन जिसने खुदा के दिन को बचाया जिसने इन्सानियत को बचा लिया। ये वो हुसैन है जिनकी वेलादत पर फ़रिश्ते ऊपर से जनाबे रसूले खुदा को बधाई देने आए वही एक फ़रिश्ते जिन का नाम फितरुष था। उनके बालोपर पहले ही जल चुके थे जब फ़रिश्ते को आता देख पूछने लगे आप सब लोग कहा जारहे है तो फ़रिश्तो ने बताया की हम लोग ज़मीन पर जा रहे है। हमारे आखरी नबी पैग़म्बर मुहम्मद के घर उनके नवासे ईमाम हुसैन का जन्म हुआ है। हम लोग नबी को बधाई देने जारहे है। अली को मुबारक बाँध देने जा रहे है।नबी की पुत्री फ़ातेमा ज़हरा को मुबारक बाँध देने जा रहे है।तो वही फितरुश जिनके बालोंपर जल चुके थे कहा कि मुझे भी ले चलो और फ़रिश्ते साथ में ले आए और आकर नबी से पूछा कि या रसुलल्लाह क्या में अपने आपको आपके नवासे इमाम हुसैन के झूले से मस कर लू तो पैग़म्बर मुहम्मद ने मुस्कुराते हुए कहा कि हां कर लो। जैसे ही उस फ़रिश्ते ने अपने आप को झूले को छुआ उसके बालों पर मिलगेए और वो फ़रिश्ता मनमिश्ली कहता हुआ आसमान की तरफ चला गया। ये कहता हुआ कि मुझे हुसैन ने बालों पर दिया है उसी याद में आज महफिले मुकासेदा का आयोजन किया गया।मकसदे का संचालन मौलाना सैय्यद अली फ़क़री ने किया। इस अवसर पर.मौलाना सैय्यद अली फ़क़री,मौलाना अहमद अब्बास ,मौलाना मुज़ाहिर हुसैन, मौलाना नसीमुल हसन,मौलाना, मेहँदी हुसैनी,रिज़वान हैदर, गौहर अली, शाजान अब्बास, मुहम्मद ताबिश, कायम मुहम्मद, अब्बास, शमीम हुसैन, मीसम अली, जौहर अली,जावेद हुसैनी,अहमद औन,ज़मीरुल हसन, नजमुल अली, आफ़ताब अहमद,साज़िद ज़ाहिदी, लड्डन बनारसी, जौहर अली, डा० कलीम असगर, नसीम अख्तर, आसिफ़,मुहम्मद रज़ा,डॉ वक़ार अली आदि लोग मौजूद रहे।

रिपोर्ट:अशोक श्रीवास्तव
घोसी(मऊ)।घोसीनगर के बड़ागाँव में मंगलवार की रात में अज़ाखाने अबूतालिब व निमतले सहन में एक महफिले मुकासेदा का आयोजन किया गया। महफिले मुकासेदा पैग़म्बर मुहम्मद के नवासे अली के लाल फ़ातेमा के लख्ते जिगर हजरत इमाम हुसैन अ: के जन्म दिन पर आयोजित किया गया। मौलानाओं ने दुआखानी के बाद कहा हुसैन जिसने खुदा के दिन को बचाया जिसने इन्सानियत को बचा लिया। ये वो हुसैन है जिनकी वेलादत पर फ़रिश्ते ऊपर से जनाबे रसूले खुदा को बधाई देने आए वही एक फ़रिश्ते जिन का नाम फितरुष था। उनके बालोपर पहले ही जल चुके थे जब फ़रिश्ते को आता देख पूछने लगे आप सब लोग कहा जारहे है तो फ़रिश्तो ने बताया की हम लोग ज़मीन पर जा रहे है। हमारे आखरी नबी पैग़म्बर मुहम्मद के घर उनके नवासे ईमाम हुसैन का जन्म हुआ है। हम लोग नबी को बधाई देने जारहे है। अली को मुबारक बाँध देने जा रहे है।नबी की पुत्री फ़ातेमा ज़हरा को मुबारक बाँध देने जा रहे है।तो वही फितरुश जिनके बालोंपर जल चुके थे कहा कि मुझे भी ले चलो और फ़रिश्ते साथ में ले आए और आकर नबी से पूछा कि या रसुलल्लाह क्या में अपने आपको आपके नवासे इमाम हुसैन के झूले से मस कर लू तो पैग़म्बर मुहम्मद ने मुस्कुराते हुए कहा कि हां कर लो। जैसे ही उस फ़रिश्ते ने अपने आप को झूले को छुआ उसके बालों पर मिलगेए और वो फ़रिश्ता मनमिश्ली कहता हुआ आसमान की तरफ चला गया। ये कहता हुआ कि मुझे हुसैन ने बालों पर दिया है उसी याद में आज महफिले मुकासेदा का आयोजन किया गया।मकसदे का संचालन मौलाना सैय्यद अली फ़क़री ने किया।इस अवसर पर.मौलाना सैय्यद अली फ़क़री,मौलाना अहमद अब्बास ,मौलाना मुज़ाहिर हुसैन, मौलाना नसीमुल हसन,मौलाना, मेहँदी हुसैनी,रिज़वान हैदर, गौहर अली, शाजान अब्बास, मुहम्मद ताबिश, कायम मुहम्मद, अब्बास, शमीम हुसैन, मीसम अली, जौहर अली,जावेद हुसैनी,अहमद औन,ज़मीरुल हसन, नजमुल अली, आफ़ताब अहमद,साज़िद ज़ाहिदी, लड्डन बनारसी, जौहर अली, डा० कलीम असगर, नसीम अख्तर, आसिफ़,मुहम्मद रज़ा,डॉ वक़ार अली आदि लोग मौजूद रहे।

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