प्रत्याशियों को लेकर हार-जीत की चर्चा हुई शुरू।

जिला संवाददाता, विनय मिश्र ,देवरिया ।
लोक सभा चुनाव के लिए मतदान की प्रकिया संपन्न होने के बाद सबकी निगाहें 4 जून को होने वाले मतगणना पर लगी हुई है। इस समय प्रत्याशी कार्यालय से लेकर जगह-
जगह चाय पान, की दुकान एवं चौराहे तक प्रत्याशियों की हार जीत को लेकर चर्चा हो रही है। किस बूथ पर किसके पक्ष में अनुमानतः अधिक मतदान हुआ है इसकी जानकारी
मिलने के बाद प्रत्याशी और समर्थक कहीं प्रसन्न हो रहे हैं और कही उदासी छाई हुई है। जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा, कौन करेगा लोकसभा का प्रतिनिधित्व यह चार जून को तय होगा।
लोक सभा की तीन सीटों देवरिया, सलेमपुर व बांसगांव सुरक्षित में हाथी का पलड़ा बहुत हल्का हो गया है,या यूं कहा जाए कि हाथी की परम्परागत वोटों में जबरदस्त
सेंधमारी के कारण वह लड़खड़ा गई है और लड़ाई से बाहर हो गई है। जातिगत समीकरणों में भी प्रत्याशियों ने खूब जोर आजमाइश किया है। किसने कितना सेंध लगाया यह
मंगलवार चार जून को साफ हो जाएगा। देवरिया सीट पर भाजपा और सपा-कांग्रेस गठबंधन का नया चेहरा होने के कारण समर्थक और पार्टी पदाधिकारी दूने जोश और उत्साह
के साथ अपनी पार्टी को जीत दिलाने के लिए चुनावी मैदान में खूब पसीना बहाया। लोक सभा सीट देवरिया में भाजपा प्रत्याशी शशांक मणि त्रिपाठी और सपा-कांग्रेस गठबंधन के
प्रत्याशी पूर्व विधायक अखिलेश प्रताप सिंह के बीच कांटे का मुकाबला है। बसपा प्रत्याशी संदेश यादव इस सीधे मुकबले में अपनी जमीन तैयार करने में कहां तक सफल
होंगे यह समय बताएगा। इतना सुनिश्चित है कि भाजपा और सपा-कांग्रेस गठबंधन अपनी जीत के लिए एक दूसरे के वोटों में सेंध लगाने का जबरदस्त प्रयास किया है।
सलेमपुर एवं बांसगांव सुरक्षित सीट पर यहां के सांसद रविन्द्र कुशवाहा और कमलेश पासवान के प्रति जनता में नाराजगी रही इसे लेकर बहुत से समर्थकों ने पाला बदलने
का प्रयास किया और बहुत से समर्थक नाराजगी के बाबजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति अपना विश्वास जताते हुए गुस्से में ही मतदान किया। । सलेमपुर और बांसगांव सुरक्षित सीट
में भाजपा और सपा-कांग्रेस गठबंधन ने एक दूसरे के वोटों में भी सेंध लगाया है। जीत का परचम कौन लहराएगा मंगलवार को ही पता चलेगा



