राम नाम की महिमा अनंत है,  प्रोफेसर शरद चंद्र मिश्र प्राचार्य। 

 

जिला संवाददाता ,देवरिया।

 

योगीराज अनंत महाप्रभु जयंती महोत्सव के तीसरे दिन सायंकालीन सभा में देवरिया से पधारे हुए कथा व्यास प्रोफेसर शरद चंद मिश्रा प्राचार्य ने राम नाम की महिमा की व्याख्या करते हुए कहा कि भगवान का नाम बंदनीय है, रामचरितमानस के माध्यम से उदाहरण देते हुए बताया कि नाम की महिमा भगवान गणेश भगवान शिव एवं श्री हनुमान जी जानते हैं।

राम नाम जप में वह शक्ति है कि भगवान को अपने बस में किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जब इस की चर्चा चल रही थी कि सबसे पूज्य देवता कौन होगा तो देवताओं ने यह तय किया कि जो पूरे पृथ्वी का साथ चक्कर लगाकर पहले आ जाएगा वह प्रथम देवता होगा। गणेश जी अपने वाहन मूषक के साथ इसका चक्कर कैसे लगा पाए तो उन्होंने राम नाम लिखकर सात बार प्र प्रदक्षिणा कर लिया और वह प्रथम पूज्य हो गए । यह नाम बनाया प्रथम पूज्य गणपत जी ने पल में मिल गया, यही अवलंब नाम सेवरी को जंगल में। भगवान शिव के बारे में गोस्वामी जी ने कहा कि पुनि कहू राम राम दिन राती, सादर जपहिं अनंग अराति।

राम नाम की चर्चा को आगे बढ़ते हुए उन्होंने कहा कि भगवान का नाम किसी काल किसी परिस्थिति किसी समय लिया जा सकता है चाहे वह कोई महीना हो कोई समय हो।

बरषाऋतु रघुपति भगति तुलसीशालि सुदास, राम नाम बर बरन सावन भादों मास। राम नाम महिमा श्री हनुमान जी महाराज जानते हैं उन्होंने भगवान का नाम जप करके भगवान को अपने बस में कर लिया गोस्वामी जी कहते हैं सुमिरि पवनसुत पावन नामू, अपने बस करि राखेऊ रामू। कथा के दौरान प्रधानाचार्य प्रेम शंकर पाठक, डॉक्टर किरण पाठक, डॉक्टर आरती पांडे, शिक्षक अशोक कुमार शुक्ला, डॉ महथ प्रसाद कुशवाहा, बलभद्र त्रिपाठी, पीयूष मिश्रा, राकेश तिवारी, देव सिंह, रविंद्र यादव ,कमलेश मिश्रा, अनुपमा सिंह ,सिंधु यादव, अनन्या पांडे, शशि कला, संगीता गुप्ता ,ब्यूटी पांडे, सीमा आर्य ,आकांक्षा सिंह, सुमन कुमारी, सरस त्रिपाठी, उर्मिला मिश्रा, शकुंतला मिश्रा ,परशुराम पांडे, अनमोल मिश्रा, सविता पांडे सहित काफी संख्या में श्रद्धालु श्रोता जन उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता आश्रम पीठाधीश्वर आजनेय दास ने किया एवं कथा मंच का संचालन पंडित विनय मिश्र ने किया।

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