एमपी-एमएलए कोर्ट से आजम खान को बड़ी राहत, 2019 आचार संहिता उल्लंघन मामले में मिली जमानत
Azam Khan gets big relief from MP-MLA court, gets bail in 2019 code of conduct violation case
रामपुर: (उत्तर प्रदेश) समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को बुधवार को एमपी-एमएलए कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। उनको 2019 में आचार संहिता उल्लंघन मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने बरी कर दिया है।सबूतों के अभाव के चलते उन पर आचार संहिता का उल्लंघन नहीं पाया गया और वो इस केस से दोषमुक्त हो गए। एमपी-एमएलए कोर्ट ने सपा के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान को 2019 के आचार संहिता उल्लंघन के मामले में बरी कर दिया है।केस को लेकर आजम खान के वकील ने बताया कि यह 2019 लोकसभा चुनाव का मामला है। उस दौरान रामपुर के तत्कालीन एसडीएम पीपी तिवारी की तरफ से आजम खान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। लेकिन कोर्ट ने सुनवाई के दौरान इसको बेबुनियाद पाते हुए आजम खान को बरी कर दिया।वकील ने बताया कि चार्जशीट होने के बाद कोर्ट में ट्रायल चला। इस दौरान पांच गवाह पेश हुए लेकिन अभियोजन पक्ष आरोप को साबित नहीं कर पाया इसलिए आजम खान को बरी कर दिया गया।बता दें कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान तात्कालिक एसडीएम सदर और रिटर्निंग ऑफिसर ने आजम खान के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 171 एफ और 133 लोकप्रतिनिधी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया था।सपा नेता के ऊपर आरोप लगा था कि वो मतदान के लिए वोट डालने के लिए अपने वाहन से पोलिंग बूथ राजा डिग्री कॉलेज पहुंचे थे। ये मतदान केंद्र के 200 मीटर के दायरे में था।मतदान को लेकर नियम ये कहता है कि पोलिंग बूथ के 200 मीटर के दायरे में कोई भी व्यक्ति वाहन से नहीं आ जा सकता। इसी को लेकर तत्कालीन रिटर्निंग ऑफिसर ने सपा नेता के खिलाफ केस दर्ज करवाया था और ये मामला रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में विचाराधीन था।गौरतलब है कि इससे पहले सपा नेता को हाल ही में एक और प्रकरण में दोषमुक्त पाया गया था। दरअसल, 31 जुलाई को एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजम खान को डूंगरपुर प्रकरण में बरी कर दिया था। बता दें कि डूंगरपुर प्रकरण वर्ष 2016 का था, जब प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और आजम खान कैबिनेट मंत्री थे।