सिविल लाइन थाने के बाहर धरना दे दिया

जबलपुर:रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में लगे पोस्टर और फिर उसके बाद घटे घटनाक्रम को लेकर जबलपुर शहर की राजनीति काफी गर्म होती जा रही है जहां विपक्ष पर बैठी कांग्रेस ने इस पूरे मामले को उछलते हुए सड़कों पर जमावड़ा लगा लिया और फिर सरकार और पुलिस और क्राइम ब्रांच प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की आपको बता दे की एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में कुछ बैनर पोस्टर लगाए थे। जैसे ही यह जानकारी जबलपुर पुलिस को मिली तो देर रात बजे 8 घरों में घुसकर एनएसयूआई के छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। इधर, पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक ने एनएसयूआई कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के खिलाफ रात 1 बजे करीब से 3 बजे सिविल लाइन थाने के बाहर धरना दे दिया। सैकडों समर्थकों के साथ पूर्व मंत्री करीब 2 घंटे तक धरने पर बैठे रहे। इस दौरान पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की गई। NSUI के कार्यकर्ताओं को कहना है कि करीब 2 घंटे तक सिविल लाइन थाने में हम लोग को बैठाकर रखा गया। एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष अमित मिश्रा का कहना है कि संविधान के अनुरूप ही हम लोग प्रोटेस्ट कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने गुंडागर्दी करते हुए घरों से उठाया और फिर थाने इस तरह से लेकर आए जैसे हम लोग कोई हत्या के अपराधी है।एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी को लेकर रात करीब 3 बजे पूर्व मंत्री और विधायक लखन घनघोरिया सिविल लाइन थाने पहुंचे और वहां पर धरना दे दिया। पूर्व मंत्री का कहना है कि एनएसयूआई के छात्रों के साथ पुलिस का अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि छात्र नेता अपनी आइडियोलॉजी को लेकर एक जायज पोस्टर लगाकर प्रोटेस्ट कर रहे थे, और यह अधिकार हमें संविधान में दिया है। लेकिन पुलिस ने सत्ताधारी पार्टी के इशारे पर एनएसयूआई कार्यकर्ताओं के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है। घनघोरिया ने कहा कि पूरी कांग्रेस पार्टी एनएसयूआई कार्यकर्ताओं के साथ खड़ी है। सरकार को चेतावनी देते हुए पूर्व मंत्री ने कहा कि तानाशाही रवैया अपनाते हुए कार्रवाई की है तो सरकार को सड़क पर अब कांग्रेस से लड़ना पड़ेगा।
जबलपुर से वाजिद खान की रिपोर्ट



