मुंबई:मनपा और जिलाधिकारी कार्यालय अपनी जमीनों को बचा पाने में हैं असमर्थ

रिपोर्ट/अजय उपाध्याय
मुंबई: राज्य सरकार व मुंबई महानगरपालिका जहां एक तरफ मुंबई बॉलीवुड अवैध निर्माणों की रोकथान के लिए तरह तरह के कानून बनाने की कवायद में जुटी हुई है वहीं मनपा और जिलाधिकारी कार्यालय अपनी ही जमीनों को बचा पाने में असफल साबित हो रहे हैं। मनपा और जिलाधिकारी कार्यालय की निष्क्रियता के कारण आए दिन पूर्वी उपनगर के अनेक इलाकों में आरक्षित जगहों पर भूमाफियों द्वारा बड़े पैमाने पर अतिक्रमण किया जा रहा है। जिसके कारण महत्वपूर्ण योजनाओं के लिए आरक्षित जमीनों पर विकास होना सबसे बड़ी बाधा उत्पन्न हो रही है।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूर्वी उपनगर के अंतर्गत आने वाले चेंबूर मनपा एम (प) वार्ड, गोवंडी एम (पूर्व) वार्ड, कुर्ला एल वार्ड, भांडुप (एस) तथा घाटकोपर ( एन)वार्ड में बड़े पैमाने पर मनपा और जिलाधिकारी कार्यालय की जमीनें हैं। खास बात यह है कि मनपा एम (प) और एम (पूर्व) में बड़े पैमाने पर जिलाधिकारी और मनपा की आरक्षित जगहों पर काफी अरसे से भूमाफियों द्वारा कब्जा करके अवैध झोपड़पट्टियों का निर्माण करा दिया गया है। कमोवेश यही हालत पूर्वी उपनगर के अन्य वार्डों की भी है। राष्ट्रीय बजरंग दल कोकण प्रांत के उपाध्यक्ष राजा भाऊ सोनटक्के ने बताया कि आज पूर्वी उपनगर की झोपड़पट्टियों में बच्चों के खेलकूद का मैदान तक नहीं बचा है। जिसका मुख्य कारण यह है कि मैदान के लिए आरक्षित जमीनों पर ही अवैध कब्जा हो गया है। राजा भाऊ सोनटक्के ने कहा कि यदि सामाजिक संस्थाओं, राजनीतिक दलों की ओर से उक्त अवैध अतिक्रमण के खिलाफ आवाज उठाई जाती है तो मनपा और कलेक्टर विभाग उस पर कार्रवाई करने से हाथ खड़े कर देते हैं। राष्ट्रीय बजरंग दल कोकण विभाग के उपाध्यक्ष राजा भाऊ सोनटक्के ने मनपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि कि उन झोपड़पट्टियों में पानी, शौचालय की सुविधा भी मनपा मुहैया करा दे रही है। एक तरह से देखा जाए तो उन अवैध निर्माणों का संरक्षण मनपा और जिलाधिकारी कार्यालय के अधिकारी कर रहे हैं।

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