जबलपुर में युवक की चाकू गोद कर हत्या, घायल अवस्था में 4 घंटे तक अस्पताल से थाने का लगता रहा चक्कर, समय से इलाज न होने पर हुई मौत,परिजनों में मचा कोहराम,
In Jabalpur, a youth was stabbed to death, the injured person was kept wandering from the hospital to the police station for 4 hours, he died due to lack of timely treatment, the family members were in chaos.
जबलपुर:1 नवंबर की दोपहर ग्राम पटरा उमरिया में रहने वाले 30 वर्षीय संतोष दुबे को तीन लोगों ने चाकू मारकर गंभीर रुप से उसे घायल कर दिया। घटना के बाद आनन-फानन में उसे परिजन पनागर थाने लेकर आए, आरोप है कि पुलिस ने उसका बयान लेकर इलाज के लिए अस्पताल भिजवाने की वजह दो घंटे तक थाने के बाहर बैठाए रखा। जैसे-तैसे बिना रिपोर्ट दर्ज करवाए पनागर स्वास्थ्य केन्द्र लेकर पहुंचे तो यहां से फिर यह कहकर थाने भेज दिया गया कि ये पुलिस केस है। लिहाजा चार घंटे तक परिजन घायल को लेकर भटकते रहे। इसके बाद मेडिकल कॉलेज रेफर करने की वजह पुलिस घायल को लेकर जिला अस्पताल लेकर पहुंची, जहां चार दिन तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद संतोष ने दम तोड़ दिया। नाराज परिजन और ग्रामीणों शव को लेकर पनागर थाने पहुंचे और घेराव किया। हंगामा का जानकारी मिलते ही ग्रामीणों को मनाने के लिए पनागर विधायक थाने पहुंचे, और एसपी से कार्रवाई की मांग की। एसपी सम्पत उपाध्याय ने दो एसआई को लाइन अटैच कर दिया है। दरअसल ग्राम पटरा उमरिया में रहने वाले संतोष दुबे (30) किसी काम से गांव से पनागर आ रहा था, उसी दौरान उमरिया गांव में रहने वाला सौरभ पटेल का उसे धक्का लग गया। इसके बाद दोनों का विवाद होने लगा। पास में ही सौरभ के दो दोस्त अमन यादव और रोहित पांडे खड़े हुए थे। जैसे ही दोनों के बीच हाथापाई शुरू हुई तो अमन और रोहित ने संतोष के हाथ पकड़े और फिर सौरभ ने चाकू से ताबड़तोड़ कमर और पीठ में हमला कर दिया। तीनों ही आरोपी खून से लथपथ हाल में घायल को मौके पर छोड़कर फरार हो गए। घटना के करीब 20 मिनट के बाद कुछ ग्रामीणों की नजर संतोष पर पड़ी, जिसके परिजनों को सूचना देने के बाद उसे पनागर थाने ले जाया गया। परिजनों का कहना है कि एसआई संतोष ठाकुर और मयंक यादव थाने में थे, उन्होंने एफआईआर दर्ज करने की वजह दो घंटे तक थाने के बाहर बैठाकर रखा, जिसके चलते उसकी हालत बिगड़ गई।
जिला अस्पताल में भर्ती संतोष की मंगलवार की इलाज के दौरान मौत हो गई। नाराज ग्रामीण परिजनों के साथ शव लेकर पनागर थाना पहुंचे और घेराव करते हुए मांग की है कि दोषी डॉक्टर और पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। परिजनों का कहना था कि जब तक दोषी दोनों एसआई पर कार्रवाई नहीं होती, तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। ग्रामीणों के हंगामे की जानकारी मिलते ही डीएसपी आकांक्षा उपाध्याय सहित अन्य थाने से भी पुलिस बल मौके पर पहुंच गया, वहीं स्थानीय विधायक सुशील इंदु तिवारी भी थाने पहुंचे और नाराज ग्रामीणों को समझाइश दी। विधायक का कहना था कि दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी, पर ज्यादा देर तक शव को थाने में रखना ठीक नहीं । विधायक की समझाइश के बाद नाराज ग्रामीण मान गए और शव लेकर गांव के लिए रवाना हुए।
इधर पनागर थाने में ग्रामीणों के हंगामा को देखते हुए एसपी ने थाने में पदस्थ दो एसआई को लाइन अटैच कर दिया। एसपी सम्पत उपाध्याय ने बताया कि संतोष को घायल हालत में इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां आज उसकी मौत हो गई। ग्रामीणों ने पनागर थाने में पदस्थ दो एसआई संतोष ठाकुर और मयंक यादव पर घटना को गंभीरता से ना लेते हुए कार्रवाई न करने के आरोप लगाए थे। एसपी ने बताया कि दोनों एसआई ने धाराएं भी घटना को लेकर सही नहीं लगाई थी, जिसके चलते दोनों को लाइन अटैच कर दिया गया है। पूरे घटनाक्रम की जांच डीएसपी ग्रामीण को सौंपी गई है।
जबलपुर से वाजिद खान की रिपोर्ट