दो राज्यों और 15 राज्यों में हुए उपचुनाव के नतीजों के बाद टीएमसी ने कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं

The TMC raised questions on the Congress leadership after the results of the by-elections in two states and 15 states

नई दिल्ली:दो राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव और 15 राज्यों में हुए उपचुनाव के नतीजे घोषित हो गए हैं। झारखंड में जहां इंडी गठबंधन को बहुमत मिला है। वहीं, महाराष्ट्र में महायुति ने ऐसी क्लीन स्वीप की है, जिसके बारे में विपक्ष ने भी नहीं सोचा होगा। महाराष्ट्र में कांग्रेस की बुरी हालत के बाद अब इंडी गठबंधन के दलों द्वारा ही कांग्रेस के नेतृत्व कुशलता पर सवाल उठाए जा रहे हैं और पार्टी को आत्मचिंतन की सलाह दी जा रही है।

 

 

एक तरफ जहां विधानसभा उपचुनाव में पंजाब में आम आदमी पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया, वहीं, पश्चिम बंगाल की 6 में से 6 विधानसभा सीटों के नतीजे टीएमसी के पक्ष में गए। इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से बात करते हुए टीएमसी के नेता कुणाल घोष ने कांग्रेस को आत्मचिंतन की सलाह दे डाली।

 

कुणाल घोष ने मीडिया के सामने कहा कि ममता दीदी बीजेपी को ब्लॉक कर देती हैं। झारखंड में हेमंत सोरेन भी भाजपा को ब्लॉक कर देते हैं। लेकिन, कांग्रेस की जहां जिम्मेदारी होती है, वहां वह क्यों फेल होती है उन्हें (कांग्रेस को) सोचना होगा, इस पर चिंतन करना होगा।

 

कुणाल घोष ने कहा कि मैं सीधे तौर पर कुछ नहीं कहूंगा। लेकिन, कांग्रेस को अपनी पार्टी के भीतर विश्लेषण करने की जरूरत है। बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व में बीजेपी हार रही है, झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बीजेपी हार रही है। लेकिन, जहां कांग्रेस बनाम बीजेपी है, वहां कांग्रेस हार रही है। इस पर गहन विश्लेषण की जरूरत है।

 

इसके साथ ही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद अखिलेश यादव ने भी ममता बनर्जी की तारीफ करते हुए जो लिखा, उसका इशारा साफ तौर पर कांग्रेस नेतृत्व की तरफ ही था।

 

अखिलेश यादव ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, “पश्चिम बंगाल के विधानसभा उपचुनावों में सभी सीटों पर टीएमसी की अभूतपूर्व जीत ने साबित कर दिया है कि ममता बनर्जी के कुशल नेतृत्व में भाजपा कोई भी ‘खेला’ नहीं कर पाई और अपना खाता भी नहीं खोल पाई। उन सभी प्रदेशों के चुनाव व उपचुनाव में इंडिया गठबंधन के दलों की ही जीत हुई है, जहां भाजपा की सरकार नहीं थी और भाजपाई ‘घपला राजनीति’ के लिए कोई गुंजाइश नहीं थी। इसके अतिरिक्त जहां भी इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी पूरी तरह मुस्तैद रहे, वहां भी भाजपाइयों की चाल बुरी तरह हारी है।”

 

उन्होंने आगे लिखा, “धांधली से चुनाव जीतने वाले भाजपाई आज आंख मिलाकर नहीं देख पा रहे हैं, यही इंडिया गठबंधन की सबसे बड़ी जीत है। देश का मतदाता जानता है कि छल-कपट एक दिन हारता ही है, इसीलिए इस चुनाव के बाद इंडिया गठबंधन और पीडीए समाज और भी अधिक सावधानी और निगरानी से आगे बढ़कर नकारात्मक लोगों को हराएगा, अपना भविष्य ख़ुद बनाएगा! आंकड़ों की जीत, विजय नहीं होती!”

 

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