आजमगढ़:निजीकरण के विरोध में विद्युत कर्मचारियों ने किया पंचायत
Azamgarh:Electricity employees held a panchayat to protest against
रीपोर्ट : कमलाकांत शुक्ल
महराजगंज (आजमगढ़)निजीकरण के विरोध में शुक्रवार को विद्युत उपकेंद्र कप्तानगंज (तेरही) पर विद्युत कर्मचारियों द्वारा एक पंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें निजीकरण की नीतियों का दुष्प्रभाव बताते हुए सरकार पर प्रहार किया ।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे इंजीनियर अंबर यादव ने कहा कि निजीकरण से जहां विद्युत कर्मचारियों व उनके परिवार का भविष्य प्रभावित होगा वहीं आम जन मानस के लिए आवश्यक आवश्यकता बन चुकी विद्युत को निजी हाथों में दिए जाने से बिजली काफी महंगी हो जाएगी । आज जहां किसानों को सब्सिडी पर मुफ्त बिजली दी जा रही है तथा ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को तीन रुपए यूनिट की बिजली दी जा रही है वहीं बिजली 10 से 12 रुपए यूनिट हो जाएगी । इस मंहगाई को झेलना आम लोगों के बस का नहीं होगा और लोग फिर से लालटेन युग में जीने के लिए मजबूर होंगे । सरकार पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम को पीपीपी मॉडल के आधार पर निजीकरण करने का प्रयास कर रही है, उसके विरोध में विद्युत कर्मचारी पिछले आठ महीने से धरना प्रदर्शन करने का काम कर रहे हैं, किंतु सरकार और उसके मंत्रियों को जनता की समस्याओं और सुविधाओं से कोई लेना देना नहीं रह गया है ।विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक एवं कार्यक्रम के संचालक प्रभु नारायण पांडेय प्रेमी ने कहा कि सरकारी क्षेत्र में स्थापित सार्वजनिक संस्थाओं को निजीकरण के माध्यम से पूजीपतियों के हाथ में देने का जो कुत्सित प्रयास किया जा रहा है वह समाज के हर व्यक्ति को दीर्घकालिक नुकसान पहुंचायेगा । सरकारी सेवा की प्रत्याशा में अध्ययन छात्रों, बुनकरों, किसानों व व्यापारियों सहित सभी उपभोक्ताओं को इसका बुरा प्रभाव झेलना पड़ेगा । देश प्रत्यक्ष रूप से महंगाई के अंधकार में डूबने के लिए विवस होगा । इस दौरान कार्यक्रम को मुख्य रूप से इंजीनियर उपेंद्रनाथ चौरसिया, राजनारायण सिंह, लालचंद यादव, तुषार श्रीवास्तव, हरिकेश यादव, जयप्रकाश यादव, आदि लोगों ने संबोधित किया । कार्यक्रम में रामनारायण यादव, चंद्रशेखर, धीरज पटेल, अखिल कुमार पांडेय, चंद्रजीत यादव, अवधेश सिंह यादव, रामनरेश, वेद प्रकाश यादव सहित क्षेत्र के तमाम स्थानीय जनप्रतिनिधि व सैकड़ों की संख्या में उपभोक्तागण उपस्थित रहे ।