जन शिकायतों के निस्तारण में देरी पड़ेगा महंगा, सुरक्षा से समझौता स्वीकार नहीं : सीएम योगी

Delay in resolving public grievances will be costly, compromise on security is not acceptable: CM Yogi

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को एक बैठक में विकास कार्यों, कानून व्यवस्था और आगामी पर्व-त्योहारों के दृष्टिगत व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में समस्त मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, अपर पुलिस महानिदेशक (ज़ोन), समस्त पुलिस आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक (रेंज), पुलिस उप महानिरीक्षक (परिक्षेत्र) मौजूद रहे।

बैठक में सीएम योगी ने कहा कि जन शिकायतों के निस्तारण में देरी भारी पड़ेगी। वहीं, अगर मिथ्या रिपोर्ट लगाई गई, तो अनुशासनात्मक कार्रवाई तय है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी तहसीलों की, मंडलायुक्त जिलों की व्यवस्था की समीक्षा करें। आम आदमी के आवेदन लंबित क्यों हैं, इसकी समीक्षा करें और जवाबदेही तय करते हुए रिपोर्ट अपने वरिष्ठ अधिकारी को जानकारी दें। उन्होंने कहा कि शासन स्तर पर हर दिन, हर जिले की समीक्षा हो रही है। सभी अधिकारियों की गतिविधियों की सीधी निगरानी हो रही है।

उन्होंने कहा कि माताओं-बहनों-बेटियों की सुरक्षा से समझौता स्वीकार नहीं। लव जिहाद, चेन स्नेचिंग, ईव टीजिंग की सूचना पर तत्काल एक्शन होना चाहिए। महिला पुलिस बीट अधिकारियों को एक्टिव रखें। पेट्रोलिंग जारी रखें। ऐसी घटनाओं पर बीट सिपाही से लेकर डिप्टी एसपी तक की जवाबदेही तय की जानी चाहिए। शासन स्तर पर प्रत्येक दिन हर जिले की समीक्षा की जा रही है। जनपदों की हर घटना, हर अधिकारी की गतिविधि की मॉनिटरिंग हो रही है। ऐसा ही प्रयास जोन और रेंज स्तर के अधिकारियों द्वारा अपने प्रभार के क्षेत्र में किया जाना चाहिए। पुलिस कमिश्नर हर दिन डीजीपी को अपने कमिश्नरेट की रिपोर्ट दें।

उन्होंने कहा कि आईजीआरएस में मिलने वाले आवेदन हों या सीएम हेल्पलाइन अथवा थाना/तहसील/विकास खंड में पहुंचने वाले शिकायतकर्ता, सबकी सुनवाई की जाए। पीड़ित/परेशान व्यक्ति की मनोदशा को समझें, उसकी भावना का सम्मान करें और पूरी संवेदनशीलता के साथ समाधान किया जाए। शिकायतकर्ता की संतुष्टि और उसका फीडबैक ही अधिकारियों के प्रदर्शन का मानक होगा। जनशिकायतों/समस्याओं से जुड़े आवेदन का संतोषप्रद निस्तारण किया जाना है। मिथ्या अथवा भ्रामक रिपोर्ट लगाने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी तय है।

उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में कई स्थानों पर जर्जर भवनों के गिरने की घटना घटित हुई है। नगरीय निकाय, विकास प्राधिकरण अभियान चलाकर अपने क्षेत्र में संवेदनशील भवनों का चिन्हांकन करें और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए प्रेरित करें.

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