महर्षि वाल्मीकि और पाराशर जयंती 17 अक्टूबर को।
विनय मिश्र, जिला संवाददाता।
देवरिया।
आचार्य अनिल मिश्रा में बताया कि स्नान-दान शहीद महर्षि बाल्मीकि जयन्ती एवं पराशर जयंती १७ अक्टूबर २०२४ गुरुवार को होगी । आज सभी वैष्णव पीठों पर महर्षि बाल्मीकि की पूजा निम्न मंत्र की सहायता से की जाएगी—
*कूजन्तं रामरामेति मधुरं मधुराक्षरम्।*
*आरुह्या कविताशाखां वन्दे वाल्मीकिकोकिलं।।*
साथ ही रामायण का अनुष्ठान, पाठ एवं उपदेश आदि दिए जाएंगे । आज ही सायंकाल ५:२२ बजे से कार्तिक मास आरम्भ हो जाएगा। अतः कार्तिक मास से सम्बन्धित व्रत-स्नान-यम-नियम आदि आरम्भ हो जायेंगें । आज से ही कार्तिक मास का दीप-दान भी आरम्भ हो जाएगा। भगवान भास्कर रात्रि १०:४ बजे तुला राशि में प्रवेश करेंगे।
कार्तिक मास भगवान नारायण को सर्वाधिक प्रिय है अतः इस में स्नान दान जप हवन आदि का सर्वश्रेष्ठ लाभ प्राप्त होता है।
*कार्तिक सकलं मासं नित्य स्नायी जितेन्द्रिय:।*
*जपन्ह्विश्यम् उक्क्षान्तं सर्व पापै: प्रमुच्यते ।।*
अर्थात् कार्तिक मास में नित्य स्नान करने से मनुष्य जितेन्द्रिय हो जाता है तथा जप-हवन आदि करने से सभी पापों से मुक्त हो जाता है।
*धर्मशास्त्रायुर्वेद मतेन द्विदल तक्रश्च कार्तिकेत्यजेत्।*
अर्थात् कार्तिक मास में दाल एवं छाछ (मट्ठा) का त्याग करना चाहिए।
“कार्तिक मूली अगहन तेल” अर्थात् कार्तिक मास में मूली अवश्य खाना चाहिए जिससे पीलिया आदि रोगों से मुक्ति मिलती है।
अशून्य शयन का व्रत चन्द्रोदय व्यापिनी द्वितिया तिथि में १८ अक्टूबर २०२४ शुक्रवार को किया जाएगा। आज लक्ष्मी युक्त भगवान विष्णु का पूजन करने से अक्षय धन एवं दाम्पत्य सुख की प्राप्ति होती है। निम्न मंत्र का यथासंभव जप करना चाहिए —
*पत्नी भर्तृवियोगं च भर्ता-भार्या समुद्भवम्।*
*नाप्नुवन्ति यथा दुखं दाम्पत्यानि तथा कुरु।।*
११००० जप इस मंत्र का पुनश्चरण है। इस मंत्र के जप के प्रभाव से पति-पत्नी में वियोग नहीं होता है तथा अक्षय दाम्पत्य सुख की प्राप्ति होती है। इसका जप स्त्री-पुरुष विवाहित अथवा अविवाहित कोई भी कर सकता है। चन्द्रोदय रात्रि ६:०२ बजे होगा। निम्न मंत्र से चन्द्रमा को अर्घ्य दिया जाएगा —
*गगनांगण संदीप क्षीराब्धिमथनोद्भवं।*
*भाभासितादिगाभोग रमानुज नमोऽस्तुते ।।*
संकष्टी श्रीगणेश करक चतुर्थी व्रत का मान २० अक्टूबर २०२४ रविवार को होगा। चन्द्रोदय का गणितागत मान रात्रि ७:४० बजे है।
ललिता चतुर्थी एवं दशरथ पूजा का मान २१ अक्टूबर २०२४ सोमवार को होगा।