निजीकरण के विरोध में हाइडिल कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

Hydel employees demonstrated against privatization

आजमगढ़:विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के आह्वान पर ऊर्जा क्षेत्र के निजीकरण के विरोध में 96 वें दिन आज दिनांक 03 मार्च 2025 दिन सोमवार को आजमगढ़ जनपद के बिजली कर्मचारियों एवं अभियन्ताओं ने जनपद मुख्यालय हाइडिल कार्यालय, सिधारी, आजमगढ़ के बाहर भोजन अवकाश के दौरान जबरदस्त प्रदर्शन कर आज शक्ति भवन, लखनऊ में ट्रान्जैक्शन कान्सल्टेन्ट नियुक्त करने हेतु टेक्निकल बीड खोले जाने का विरोध कर उ०प्र० सरकार के माननीय मुख्यमन्त्री जी से अपील किया है कि व्यापक जनहित में बिजली के निजीकरण का प्रस्ताव को निरस्त किया जाय, जिससे बिजली कर्मी प्रदेश की जनता को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने में लगे रहें। विरोध सभा में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के नेताओं ने कहा कि बिजली का निजीकरण वापस होने तक अपना संघर्ष जारी रखेंगे। वक्ताओं ने कहा कि ऊर्जा जैसे अति महत्त्वपूर्ण क्षेत्र में निजीकरण की जिद करके निजीकरण थोपना किसी भी प्रकार प्रदेश और पावर सेक्टर के हित में नहीं है। अगर जबरिया निजीकरण थोपा गया तो इसके भयानक दुष्परिणाम होंगे। प्रदेश का विकास अवरूद्ध होगा। बिजली अत्यधिक महँगी होगी, जिसका सीधा असर किसानों, गरीब मजदूरों, विद्युत उपभोक्ताओं, कर्मचारियों पर पड़ेगा तथा निर्णय लिया कि दिनांक 04 मार्च, 05 मार्च, 06 मार्च एवं 07 मार्च 2025 को जनजागरण हेतु विरोध सभाओं का क्रम पूरे प्रदेश में जारी रहेगा एवं दिनांक 08 मार्च 2025 को लखनऊ में सयुक्त संघर्ष समिति के निर्णय के अनुसार निजीकरण के विरोध में अगले चरण का प्रदेशव्यापी आन्दोलन किया जायेगा। सभी की अध्यक्षता धर्मू प्रसाद यादव ने की तथा संचालन प्रभु नारायण पाण्डेय ‘प्रेमी’, संयोजक, संघर्ष समिति तथा सभा को मुख्य रूप से सैयद मुनौव्वर अली, ई० उपेन्द्र नाथ चौरसिया, राज नरायण सिंह, राम नरेश, काशी नाथ गुप्ता, रोशन यादव, रविशंकर गुप्ता, छेदी, दुर्वाष प्रजापति एवं अभिषेक श्रीवास्तव ने सम्बोधित किया ‌।

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