जापान के अमामी द्वीप समूह के करीब पहुंचा तूफान ‘बेबिंका’, भूस्खलन, बाढ़ की चेतावनी

Typhoon 'Bebinka' approaches Japan's Amami Islands, landslide, flood warning

 

टोक्यो:। तूफान बेबिंका के शनिवार को जापान के दक्षिण-पश्चिमी द्वीप अमामी के निकट पहुंचने पर देश की मौसम एजेंसी ने हाई अलर्ट की घोषणा की है। एजेंसी ने भूस्खलन, बाढ़, तेज हवाएं, तूफान और ऊंची लहरों की चेतावनी दी है।

जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (जेएमए) ने कहा कि सीजन का 13वां तूफान देश के दक्षिणी द्वीप ओकिनावा में खतरनाक हवाएं और तूफानी लहरें ला सकता है।

जेएमए ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “तूफान संख्या 13 के प्रभाव के कारण तेज हवाओं, ऊंची लहरों और भारी बारिश की आपदाओं की आशंका है, हाई अलर्ट पर रहें, अमामी और ओकिनावा क्षेत्रों में तेज हवाएं चलेंगी, 14 सितंबर को भयंकर हवाएं चलेंगी। दक्षिणी क्यूशू, अमामी क्षेत्र और ओकिनावा क्षेत्र में, रविवार को समुद्र अशांत रहेगा, कुछ क्षेत्रों में बहुत भारी बारिश होगी।”

एजेंसी ने निवासियों से सतर्क रहने और मौसम आपदा निवारण संबंधी नवीनतम जानकारी पर नजर रखने की भी अपील की।

क्योडो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, सुबह 6 बजे तक, तूफान मिनामिडाइतो द्वीप से लगभग 90 किलोमीटर पूर्व में स्थित था और लगभग 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिम-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ रहा था, हवा की गति 126 किलोमीटर प्रति घंटे तक थी। इसके केंद्र में 985 हेक्टोपास्कल का वायुमंडलीय दबाव था।

जेएमए ने शनिवार को अमामी में 162 किलोमीटर प्रति घंटे और ओकिनावा में 126 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान जताया है। वहीं अमामी में आठ मीटर, दक्षिणी क्यूशू क्षेत्र में सात मीटर और ओकिनावा में छह मीटर ऊंची लहरें उठने का अनुमान है।

जेएमए ने भविष्यवाणी की है कि रविवार सुबह 6 बजे तक 24 घंटों में दक्षिणी क्यूशू और अमामी में 150 मिलीमीटर और ओकिनावा में 100 मिलीमीटर बारिश होने की उम्मीद है। लगातार भारी बारिश से निचले इलाकों और जल निकासी व्यवस्था वाले क्षेत्रों में भी बाढ़ आ सकती है।

यदि मौसम की स्थिति खतरनाक साबित होती है, तो स्थानीय स्तर पर निकासी, अचानक बाढ़ और भूस्खलन संभव है। खराब मौसम के कारण स्थानीय स्तर पर व्यापार, परिवहन और उपयोगिता संबंधी व्यवधान उत्पन्न हो सकते हैं और कुछ पुल या सड़कों को नुकसान पहुंच सकता है। क्षेत्रीय हवाई अड्डों पर उड़ानों में व्यवधान और अस्थायी बंदरगाह बंद होने की भी संभावना है।

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