श्रीलंका में हाथियों के साथ संघर्ष रोकने के लिए बनेंगे एलिफेंट कॉर‍िडोर

[ad_1]

कोलंबो, 2 फरवरी (आईएएनएस)। श्रीलंका में आम लोगों के साथ हाथियों का संघर्ष एक गंभीर समस्या बन गई है। यह समस्या खासकर उत्तर-मध्य प्रांत में है, जहां इस तरह की घटनाएं सबसे ज्यादा देखी गई हैं।

हाल के वर्षों में इस क्षेत्र के 29 में से 27 संभागीय सचिवालय प्रभागों में मानव-हाथी संघर्ष तेजी से बढ़ा है। इस समस्या को हल करने के लिए सरकार ने पांच हाथी गलियारे बनाने की योजना बनाई है। इसके अलावा, अधिकारियों ने संरक्षित क्षेत्रों पर अतिक्रमण रोकने, हाथियों के आवासों का प्रबंधन करने और संरक्षण क्षेत्रों में पानी के टैंकों का पुनर्वास करने जैसे कदम भी उठाने का फैसला किया है।

श्रीलंका में इस संघर्ष की वजह से 2024 में 388 जंगली हाथियों और 155 लोगों की मौत हो चुकी है। यह संघर्ष कई कारणों से बढ़ा है, जिसमें जंगलों की कटाई, विकास परियोजनाएं, जनसंख्या वृद्धि, शहरी विस्तार, भूमि उपयोग में बदलाव और वन्यजीव प्रबंधन की कमजोर नीतियां शामिल हैं। इन समस्याओं के कारण हाथियों का आवास सिकुड़ता जा रहा है, जिससे वे भोजन और पानी की तलाश में इंसानी बस्तियों में घुसने को मजबूर हो रहे हैं। इसका नतीजा यह हुआ कि किसान अपनी फसलों को नुकसान से बचाने के लिए बेतरतीब बिजली की बाड़ लगाते हैं, जिससे हाथियों की मौत होती है।

हालांकि, श्रीलंका में वन्यजीव संरक्षण का लंबा इतिहास रहा है, लेकिन अब तक उठाए गए कदम इस संघर्ष को रोकने में कारगर साबित नहीं हुए हैं। 2018 में हाथियों के संरक्षण और प्रबंधन पर एक राष्ट्रीय नीति बनाई गई थी, जिसमें हाथियों को विशेष संरक्षित क्षेत्रों तक सीमित रखने का प्रस्ताव था, लेकिन यह रणनीति भी विफल रही।

एक रिपोर्ट के मुताबिक हर साल 400 से ज्यादा हाथी मारे जाते हैं और 2019 में एक दर्दनाक घटना सामने आई थी, जब हबराना के हिरिवाडुन्ना रिजर्व में एक ही झुंड के सात हाथी मृत पाए गए थे। इस घटना ने लोगों का ध्यान इस गंभीर समस्या की ओर खींचा और कानूनी कार्रवाई की मांग उठी। श्रीलंका सरकार अब इस संघर्ष को कम करने के लिए नए कदम उठा रही है, ताकि इंसानों और हाथियों दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

–आईएएनएस

पीएसएम/सीबीटी

[ad_2]

Disclaimer : ऑटो फ़ीड्स द्वारा यह न्यूज़/समाचार स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। hindektatimes.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन इस न्यूज़/समाचार में नहीं किया गया है। इस न्यूज़/समाचार की एवं इसमें उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की हैद्य न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है।
इनपुट. आईएएनएस के साथ

Related Articles

Back to top button